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हमने आगे कर लिया । मनुष्यों में जैसे विभिन्न जाति-प्रकार के लोग है, इसी तरह देवो में भी कतिपय प्रकार हैं । जैन परंपरा में देवों को मुख्य चार प्रकार में बांटा गया है । इन चार प्रकारों के देवों के भी कई पेटाभेद हैं। अब हम इन भेदों को देखेगें ।
(ब) जैन परंपरामें देवों के मुख्य भेद ४ हैं --
१. भवनपति देव
२. वाणव्यन्तर देव
३. ज्योतिष्क देव
४. वैमानिक देव
(ब) १) भवनपति देवो के
१) असुरकुमार
२) नागकुमार
३) सुवर्णकुमार
४) विद्युत्कुमार
५) अग्निकुमार
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१० प्रकार के होते हैं—
६) द्वीपकुमार
७) उदधिकुमार
८) दिशाकुमार
९) पवनकुमार
१०) स्तनितकुमार
२) वाणव्यन्तर देव ८ प्रकार के होते हैं
१) किन्नर
२) किंपुरुष
३) महोरग
४) गंधर्व
५) यक्ष
६) राक्षस
७) भूत
८) पिशाच
ब ३) ज्योतिष्क—देव पाँच प्रकार के हैं—
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१) चन्द्र
२) सूर्य
३) ग्रह
ब ४) वैमानिक देव दो प्रकार के हैं—
१. कल्पोपपन्न
४) नक्षत्र
५) तारे
२. कल्पातीत
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