________________
२५८
द्वीप
जैन मान्यता
वैदिक मान्यता १. द्वीप, समुद्र असंख्यात द्वीप, समुद्र ७ द्वीप २. प्रथम द्वीप जम्बूद्वीप प्रथम दीप जम्बूद्वीप ३. कुशक पन्द्रहवाँ द्वीपर कुश चौथा द्वीप ४. क्रौंच सोलहवाँ द्वीप१२ क्रौंच पाँचवा द्वीप ५. पुष्कर तीसरा द्वीप पुष्कर सातवाँ द्वीप
समुद्र १. लवणोद प्रथम समुद्र लवणोद प्रथम समुद्र २. वारूणी रस चौथा समुद्र मदिरा रस तीसरा समुद्र ३. क्षीर सागर पाँचवा समुद्र दूध रस छठा समुद्र ४. घृतवर छठा समुद्र मधुर रस सातवा समुद्र ५. इक्षुरस सातवाँ समुद्र इक्षुरस दूसरा समुद्र
क्षेत्र १. भारतवर्ष
१. भारतवर्ष २. हैमवत
२. किम्पुरूष हरिवर्ष
३. हरिवर्ष ४. विदेह
४. इलावृत ५. रम्यक
५. रम्यक ६. हैरण्यपत
६. हिरण्यमय ७. ऐरावत
७. उत्तर-कुरू यहाँ यह ज्ञातव्य है कि जैन मान्यतानुसार उत्तर-कुरू विदेह-क्षेत्र का एक भाग है। इलावृत ऐरावत का ही रूपान्तर है । हा, दूसरे हैमवत क्षेत्र के स्थान पर किम्पुरुष नाम अवश्य नया है ।
Jain Education International 2010_03
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org