Book Title: Jain Agamo me Swarg Narak ki Vibhavana
Author(s): Hemrekhashreeji
Publisher: Vichakshan Prakashan Trust

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Page 322
________________ २९५ १५. रंजन परमार-जैन तत्त्वज्ञान चित्रावलि प्रकाश; सुसंस्कार निधि ट्रस्ट अहमदाबाद १६. पं. मुनिराज श्री रत्नचंद्रजी-सृष्टिवाद अने ईश्वरवाद, श्री जैन साहित्य प्रचारक समिति; ब्यावर : राज. १७. डॉ. सुरेखा श्री-जैन दर्शनमें सम्यक्त्व का स्वरूप; खरतरगच्छ जैन ट्रस्ट, नवरंगपुरा- दादासाहेब का पगला - अहमदाबाद १८. डॉ. सुदर्शनलाल जैन-उत्तराध्ययन सूत्र-एक परिशीलन- प्रका. सोहनलाल जैनधर्म प्रचारक समिति-गुरू बाजार-अमृतसर १९. डॉ. हीरालाल जैन-भारतीय संस्कृति में जैन धर्म का योगदान, प्रथमावृत्ति मध्यप्रदेश शासन साहित्य परिषद-भोपाल २०. डॉ. दामोदर शास्त्री-'भारतीय दर्शन परम्परायां जैनदर्शनाभिमतदेवतत्वम्' भारतीय विद्या प्रकाशन दिल्ली; यु. बी. बंगलो रोड, जवाहरनगर २१. महोपाध्याय विनयसागर-'गणधरवाद' प्र. राजस्थान, प्राकृत भारती संस्थान, जयपुर २२. मुनि श्री प्रमाणसागर-जैन धर्म और दर्शन; श्री दिगंबर साहित्य प्रकाशन समिति बेरला-जबलपूर २३. डॉ. पी. एल. वैद्य, जिनसेनाचार्य-महापुराण भा. १ भारतीय ज्ञानपीठ काशी. २४. आचार्य श्री भुवनभानुसूरिश्वरजी-जैन धर्म का परिचय-दिव्यदर्शन ट्रस्ट, धोलका-अहमदाबाद Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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