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क्षेत्र-माप बौद्ध ग्रन्थों में योजन का प्रमाण इस प्रकार बतलाया गया है३३ :
७ परमाणु = १ अणु ७ अणु
१ लौहरज ७ लोहरज
१ जलरज ७ जलरज
१ शशरज ७ शशरज
१ मेषरज १ मेषरज
१ गोरज ७ गोरज
१ छिद्ररज ७ छिद्ररज
१ लिक्षा (लीखं) ७ लिक्षा = १ यव ७ यव
१ अंगुलीपर्व २४ अंगुलीपर्व = १ हस्त ४ हस्त = १ धनुष ५०० धनुष = १ कोश ८ कोश = १ योजन
काल-माप
बौद्ध ग्रन्थों में काल का प्रमाण इस प्रकार बतलाया गया है :
१२० क्षण = १ तत्क्षण ६० तत्क्षण = १ लव ३० लव ३० लव = १ मुहूर्त ६० मुहूर्त = १ अहोरात्रि ३० अहोरात्र = १ मास १२ मास = १ संवत्सर
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