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Jain Education International 2010_03
कल्पों के नाम देवों की | देवीसंख्या | देव
संख्या
स्थिति । देवी
विमानवास सामानिक देव मध्य में | पूर्वदिशामें | दक्षिणदिशा | पश्चिम दिशा | उत्तर दिशामें |
मध्यम पर्षद | १०००
देवियां नहीं सोढ १७ सा नही हैं
६ पल्यो देवियां नहीं सोढ १७ सा. नहीं है
५ पल्यो
बाह्य पर्षद | २०००
R-१० आनतप्राणत
४००
२००००
|चूलावतंसक
प्राणातावतंसक
| अशोका| वतंसक
सप्तपर्णा- वतंसक
चम्पका- वतंसक
आभ्य. पर्षद |
| २५०
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मध्यम पर्षद
देवियां नही १९ सा. ५ | नही हैं
पल्यो . देवियां नही १९ सा. ४ | नही हैं
पल्यो . देवियां नहीं |१९ सा. ३ | नही हैं
बाह्य पर्षद | १०००
पल्यो.
११-१२ आरण
अच्युत
०००
अच्युता- | अंकावतंसक वतंसक
स्फटिका- वतंसक
रत्नावतंसक
जातरूपावतंसक
आभ्य. पर्षद | १२५
देवियां नही २१ सा. ७ | नहीं हैं
पल्यो . दिविया नही २१ सा. ६ | नहीं हैं
पल्यो .
मध्यम पर्षद
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