________________
Jain Education International 2010_03
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
कल्पों के नाम देवों की
संख्या
बाह्य पर्षद
४. माहेन्द्र
आभ्य. पर्षद
मध्यम पर्षद
बाह्य पर्षद
ब्रह्म
आभ्य. पर्षद
मध्यम पर्षद
बाह्य पर्षद
६०००
१२००० देवियाँ नही साढे चार
सागरी ३ प.
८०००
देवियाँ नही साढे चार
सा. ६ प.
१०००० देवियां नही साढे चार
सा. ५ प.
४०००
देवीसंख्या देव
६०००
८०००
देवियां नही साढे चार
सा. ७ प.
स्थिति
देवियां नही साढे आठ सा ४ प नहीं है।
=
देवियां नहीं साढ़े आठ सा " ५ प नही है ।
देवियां नहीं साढ़े आठ सा ३ प नहीं है ।
देवी
"1
विमानवास सामानिक देव मध्य में पूर्वदिशामें दक्षिणदिशा पश्चिम दिशा उत्तर दिशामें
८ लाख
४ लाख
७० हजार
६० हजार
माहेन्द्रा वतसंक
अंकावतंसक स्फटिकावतसंक
रत्नावतंसक
ब्रह्मलोका अशोका
वतसंक
सप्तपर्णा- चम्पका
वतसंक यतसंक वतसंक
जातरू पाबतसंक
चूलावतंसक