________________ महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर 5. प्रश्न : राग किसे कहते हैं ? उत्तर : किसी पदार्थ को इष्ट जानकर उसमें जीव के प्रीतिरूप परिणाम का होना, वह राग है। ___ माया, लोभ, हास्य, रति, तीन वेदरूप परिणाम और परपदार्थों के प्रति आकर्षण, स्नेह, प्रेम, ममत्वबुद्धि, भोक्तृत्वबुद्धि, आसक्ति इत्यादि चारित्रमोहनीय कर्मोदय के समय मेंअर्थात् निमित्त से होनेवाले जीव के चारित्र गुण के कषायरूप परिणमन अर्थात् परिणामों को राग कहते हैं। 6. प्रश्न : द्वेष किसे कहते हैं ? उत्तर : किसी पदार्थ को अनिष्ट जानकर उसमें जीव के अप्रीतिरूप परिणाम का होना, वह द्वेष है। क्रोध, मान, अरति, शोक, भय, जुगुप्सा और परपदार्थों के प्रति घृणा, ईर्ष्या, द्वेष, जलन, द्रोह, असूया इत्यादि चारित्रमोहनीय कर्मोदय के समय में अर्थात् निमित्त से होनेवाले जीव के चारित्र गुण के कषायरूप परिणमन अर्थात् परिणामों को द्वेष कहते हैं। 7. प्रश्न : कर्मों की कितनी अवस्थाएँ होती हैं ? उत्तर : कर्मों की दस अवस्थाएँ होती हैं - 1) बंध 2) सत्ता 3) उदय 4) उदीरणा 5) उत्कर्षण 6) अपकर्षण 7) संक्रमण 8) उपशांत 9) निधत्ति 10) निकाचित। 8. प्रश्न : बंध किसे कहते हैं ? उत्तर : जीव के मोह-राग-द्वेषरूप परिणामों का निमित्त पाकर कार्माण वर्गणाओं का आत्मप्रदेशों के साथ होनेवाले विशिष्ट (परस्पर एकक्षेत्रावगाहरूप) संबंध को बंध कहते हैं। 9. प्रश्न : बंध के कितने भेद हैं-? -- उत्तर : बंध के चार भेद हैं - 1) प्रकृति बंध 2) प्रदेश बंध 3) स्थिति बंध 4) अनुभाग बंध। 10. प्रश्न : प्रकृति बंध किसे कहते हैं ? उत्तर : प्रकृति अर्थात् स्वभाव जैसे - नीम का स्वभाव कडुआ, गुड़