________________ महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर 76. प्रश्न : निमित्तकारण किसे कहते हैं ? उत्तर : जो पदार्थ स्वयं विवक्षित कार्यरूप तो न परिणमे; परन्तु कार्य की उत्पत्ति में अनुकूल होने का जिस पर आरोप आ सके, उस पदार्थ को निमित्त कारण कहते हैं। जैसे-घट की उत्पत्ति में कुंभकार, दण्ड, चक्र आदि। 77. प्रश्न : निमित्त-नैमित्तिक संबंध किसे कहते हैं ? उत्तर : जब उपादान स्वत: कार्यरूप परिणमता है, तब सद्भावरूप या असद्भावरूप किस उचित (योग्य) निमित्त कारण का उसके साथ सम्बन्ध है - यह बताने के लिए उस कार्य को नैमित्तिक कहते हैं। इस तरह से भिन्न पदार्थों के इस स्वतन्त्र सम्बन्ध को निमित्त-नैमित्तिक सम्बन्ध कहते हैं। निमित्त-नैमित्तिक सम्बन्ध परतन्त्रता का सूचक नहीं है, किन्तु नैमित्तिक के साथ कौन निमित्तरूप पदार्थ है; उसका ज्ञान कराता है। जिस कार्य को निमित्त की अपेक्षा नैमित्तिक कहा है, उसी को उपादान की अपेक्षा उपादेय भी कहते हैं। 78. प्रश्न : आवली किसे कहते हैं ? उत्तर : जघन्य युक्त असंख्यात समय-समूह को आवली कहते हैं। 79. प्रश्न : समय किसे कहते हैं ? उत्तर : एक आकाश के प्रदेश से निकटवर्ती अन्य आकाश के प्रदेश पर्यंत मंदगति से गमन करते हुए परमाणु के गमन काल को समय कहते हैं। यह व्यवहार काल का सबसे छोटा अंश है। 80. प्रश्न : प्रदेश किसे कहते हैं ? उत्तर : एक परमाणु से व्याप्त आकाशक्षेत्र को प्रदेश कहते हैं। * एक प्रदेश में अनंत परमाणुओं को अवगाहन देने की शक्ति है। 81. प्रश्न : अंतर्मुहूर्त किसे कहते हैं-2 उत्तर : मुहूर्त में से एक समय कम शेष काल प्रमाण को भिन्न मुहूर्त कहते हैं। उस भिन्न मुहूर्त में से भी एक समय कम शेष काल प्रमाण को अंतर्मुहूर्त कहते हैं; यह उत्कृष्ट अंतर्मुहूर्त है। * जो मुहूर्त के समीप हो, उसे अंतर्मुहूर्त कहते हैं। * आवली से अधिक और मुहूर्त से कम काल को अंतर्मुहूर्त कहते हैं।