________________ सासादनसम्यक्त्व गुणस्थान दूसरे गुणस्थान का नाम सासादनसम्यक्त्व है। यह गुणस्थान औपशमिक सम्यक्त्व के साथ उपरिम गुणस्थानों से नीचे गिरते समय पतन के काल में प्राप्त होता है। 20. प्रश्न : यदि दूसरा सासादन गुणस्थान मिथ्यात्व के बाद सीधा प्राप्त नहीं होता तो सासादनसम्यक्त्व गुणस्थान को दूसरे क्रमांक पर क्यों कहा है ? उत्तर : सासादन सम्यक्त्व गुणस्थान को दूसरा क्रमांक प्राप्त होने के कारण निम्नानुसार हैं - 1. सासादन परिणाम मिथ्यात्व के नजदीक का परिणाम है। 2. सासादन गुणस्थान से जीव नियम से मिथ्यात्व में ही प्रवेश करता है। 3. सासादनसम्यक्त्व परिणाम न तो सम्यक्त्वरूप है और न सम्यग्मिथ्यात्वरूप है; इसलिए उसे ऊपर के चौथे या तीसरे गुणस्थान में नहीं रख सकते। 4. यह परिणाम व्यक्त मिथ्यात्वरूप भी नहीं है; अत: पहले मिथ्यात्व गुणस्थान में भी रखा नहीं जा सकता। इन सब कारणों से सासादनसम्यक्त्व को दूसरे क्रमांक में ही रखा गया है। सासादन गुणस्थान तो उपरिम गुणस्थानों से नीचे गिरने पर पतन के काल में ही होता है। सम्यग्दर्शनरूपी पर्वत शिखर से पतित और मिथ्यात्वरूपी भूमि की ओर नीचे गिरनेवाले जीव औपशमिक सम्यग्दृष्टि ही होते हैं। औपशमिक सम्यक्त्वरूप शुद्ध पर्याय को छोड़नेरूप जीव के अपराध से तथा अनंतानुबंधी कषायों में से किसी एक कषाय के उदय के निमित्त