Book Title: Gnatadharmkathanga Sutram Part 03
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
View full book text
________________
धामाधर्मकचाइल
१६२
कम्य धर्मरुचेरनगारस्य सर्वत समन्वाद मागंणगवेषणं कुर्वन्तो यत्रे स्थ स्थलं धर्मरुचेरनगारस्य फाल्करणस्थान सौरोपागच्छन्ति उपागत्य धर्मकर'नगारस्य शरीरक ' निप्पाण' निष्माण=माणरहितं, ' निन्चेट ' निश्रेष्ट = वेष्टारहितं ' जयनिपजद 'जीर रित्यक्त= जीवद्दीन पश्यन्ति, दृष्ट्रा हा ! हा ! अहो ! इति खेदे, 'अरुज्जं' अकार्यम् अनिष्ट जात यदधर्मरु चिनगारी मृतः, 'विरुद्ध घेराण अतियाओ परिनियमति, पटिनिक्यमित्ता धम्मरुदस्सअणगारस्स सव्वाओ समता मग्गणगवेमण करे माणा जेणेव थंडिल्ल तेणेव उवागच्छति, उवागच्छिता धम्मरुहस्स अणगारस्म सरीरग निष्पाण निच्चे जीवविप्पजढ पासति, पासिता हा हा अकज्जमिति कट्टु धम्मरुइस्स अणगारस्म परि निव्वाणवत्तिय काउस्सग्गं करे ति ) उन निर्ग्रन्थ श्रमणों ने अपने धर्माचार्य की इस आज्ञा को यावत् स्वीकार कर लिया । और स्वीकार करके फिर वे धर्मघोष स्थविर के पास से निकले निकल कर उन्होंने धर्मरुचि अनागार की चारों दिशाओंमें सब प्रकार से मार्गणा गवेषणा की। इस तरह मार्गण गवेषणा करते हुए जहां वह स्थण्डिल था - धर्मरुचि अनागार की मृत्यु होने का स्थान थावहा आये वहा आकर के उन्होंने धर्मरुचि अनगोर के शरीर को प्राणरहित, चेष्टा रहित और जीव रहित देखा। देखकर के सरसा उनके मुख से हाय हाय यह खेद सूचक शब्द निकल पड़ा वे कहने लगे यह वडा अनिष्ट हुआ-जो धर्मरूचि अनागार का देहावसान हो गया ।
राण अतियाओ पडिनिक्खमति, पडिनिक्खमित्ता धण्मरुइस्स अणगारस्स सन्न ओ समता मग्गणगवेसण करेमाणा जेणेव थडिल्ल तेणेन उपागच्छति उवागच्छित्ता धम्मरुहस्स अणगारस्स, सरीरंग निष्पाण निच्चे जीव विप्पजढ पास वि, पासित्ता हाहा अरुज्जमित्ति कट्टु धम्मरुइस्स अणगारस्स परिनिव्वाणवत्तिय काउ सग्ग करेंति )
તે નિથ શ્રમણેાએ પેાતાના ધર્માચાય ની આજ્ઞાને સ્વીકારી લીધી અને સ્વીકારીને તે ધમઘાષ સ્થવિરની પાસેથી નીકળીને ધમ રુચિ અનગારની
અધી રીતે ચામેર માગણુા તેમજ ગવેષણા કરવા લાગ્યા આ રીતે માણુ ગવેષણ કરતા જ્યા તે સ્થડિલ હતુધરુચિ અનગારના મૃત્યુનુ સ્થાન હતું ત્યા આવ્યા ત્યા આવીને તેઓએ ધમરુચિ અનગારના શરીરને નિષ્પ્રાણ નિશ્ચેષ્ટ અને નિર્જીવ જોયુ આ દૃશ્ય જેતાની સાથે જ તેઓના સુખથી હાય 1 હાય ! ના ખેદ સૂચક શબ્દો નીકળી પડયા મા બહુ જ ખૈટુ થયુ છે-ધમ રુચિ અનગારનુ
તેઓ કહેવા લાગ્યા
J PAIN TBALL