Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 04
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
लेपप्रकरणम् ]
चतुर्थों भागः
१४५
-
इसे लगानेसे विपादिका (पैरांकी बिवाई )। (५४१६) मुस्तादिलेपः नष्ट होती हैं।
. (यो. र. । बाल.) (५४१३) मुण्डीमूललेपः मुस्तकूष्माण्डबीजानि भद्रदारुकलिङ्गकान् । (वृ. नि. र. ; यो. र. । गण्डमाला.) पिष्ट्वा तोयेन संलिम्पेल्लेपोऽयं शोथहच्छिशोः निजद्रवेण सम्पिष्टं मुण्डीमूलं प्रलेपयेत् ।
नागरमोथा, पेठेके बीज, देवदार और इन्द्रजौ
के समान भाग-मिश्रित चूर्णको पानीमें पीसकर गण्डमाला क्षयं याति तद्रसं च पिवेत्पलम् ॥
लेप करनेसे बच्चौका शोथ नष्ट होता है । ___ मुण्डीकी जड़को उसी (मुण्डी) के रसमें धोट
(५४१७) मूलकक्षारादिलेपः कर लेप करने और नित्य प्रति मुण्डीका ५ तोले
(वं. से. । अर्बुदा.) रस पीनेसे गण्डमाला नष्ट होती है।
मूलकस्य कृतः क्षारो हरिद्रायास्तथैव च । (५४१४) मुगादिप्रलेपः
शङ्खचूर्णेन संयुक्तो लेपः सिद्धाऽर्बुदापहः ॥ (ग. नि. । ज्वरा.) ___मूलीका क्षार, हल्दीका क्षार और शंखका मुद्दामलकचूर्णानि प्रसिक्तानि घृतेन तु। चूर्ण समान भाग लेकर सबको एकत्र मिलाकर लेप अम्लकाञ्जिकयुक्तानि प्रदेहो दाहनाशनः ॥ करनेसे अर्बुद (रसौली) का नाश हो जाता है।
मूंग और आमले के समान--भाग-मिश्रित (५४१८) मूलकबीजादिलेपः (१) चूर्णको धीसे चिकना करके काजीमें मिला कर मोटा
(शा. सं. । उ. खं. अ. ११) मोटा लेप करनेसे ज्वरकी दाह नष्ट होती है। मूलकस्य च बीजानि तक्रेणाम्लेन पेपयेत । (५४१५) मुशल्यादिलेपः
| गण्डमालार्बुदं गण्डं लेपेनानेन शाम्यति ॥
___मूलीके बीजोंको खट्टी छाछमें पीसकर लेप ( यो. र.। कर्णरो.)
| करनेसे गण्डमाला, अर्बुद और गलगण्डका नाश माहिपनवनीतयुतं सप्ताहं धान्यराशिपर्युपितम्। होता है । नवमुसलिकन्दचूर्ण वृद्धिकरं कर्णपालीनाम् ॥ (५४१९) मूलकत्रीजादिलेपः (२) ___ नवीन मूसलीके चूर्णको भैंसके मक्खनमें (ग. नि. । कुष्ठा. ३६ ; रा. मा. । कुष्ठा. ८) मिलाकर किसी पात्रमें बन्द करके अनाजके ढेरमें पिष्टर्मूलकबीजैः प्रत्यक्पुष्पीरसान्वितैर्लेपः । दबा दें और सात दिन पश्चात् निकाल कर सिध्मानिहरति यदि वा रम्भाक्षारेण निशया च।। काममें लावें।
चिरचिटेके पत्तोंके रसमें मूलीके बीज पीस .. इसकी मालिशसे कानोंकी पाली बड़ी हो कर लेप करनेसे अथवा केलेके क्षार और हल्दीका जाती हैं।
लेप करनेसे सिक्ष्म नष्ट हो जाता है। . ૧૯
For Private And Personal Use Only