Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 04
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy

View full book text
Previous | Next

Page 866
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दन्तरोम] चतुर्थों भागः ८६३ धूप-प्रकरणम् गुटिका-प्रकरणम् ५१७० महाखदिर वटि० दन्त पौष्टिक ६८७० विशालादिधूपः दन्त कृमि ५१८० मुण्ड्यादिगुटि० दन्त कृमि, दन्त शूल (२८) दाहाधिकारः ६३११ लामन्जकाद्युद्वर्तनम् दाह कषाय-प्रकरणम् ६२०८ लाजादि काथः दाह, पित्त ज्वर । लेप-प्रकरणम् ५३६९ मसूरादि लेपः पैरोंकी दाह रस-प्रकरणम् ६१०६ रसादि गुटी दाह (२९) नासारोगाधिकारः कषाय-प्रकरणम् ६७९६ विडङ्गाचं तैलम् नासा रोग ४९८४ मण्डूकपर्ष्यादि पीनस पर सरल योग ६८२८ व्याघ्री , पूतिनासा रोग ६४६८ वचादि कषायः प्रतिश्याय, पीनस, कफ | ६८३१ व्योषाचं , नासार्श ज्वर नस्य-प्रकरणम् ६०२२ रक्तकरवीरयोगः नासार्श चूर्ण-प्रकरणम् ६०२३ रक्ताम्रस्वरसादि पीनसको ३ दिनमें ६६५४ व्योषादि चूर्णम् पीनस, श्वास नाशक, योगः नष्ट करता है। रुचि स्वर वर्द्धक ६३२८ लाङ्गल्यादिनस्यम् पीनस, पूतिनासा रोग ६८८७ विडंगादि चूर्णम् प्रतिश्याय अवलेह-प्रकरणम् रस-प्रकरणम् ५९३७ राज रसायनम् सैंकड़ों योगोंसे आराम ५४६९ मणिपर्पटी रसः समस्त नासा रोग न होने वाली पीनस३ दिनमें नष्ट हो जाती है। मिश्र-प्रकरणम्. ७१४८ वचादि योगः प्रति श्याय तैल-प्रकरणम् ७१६१ विजया ,, , , ५९५५ रसामनायं तैलम् प्रतिश्याय | ७१७० वेल्लादि, पीनस For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 864 865 866 867 868 869 870 871 872 873 874 875 876 877 878 879 880 881 882 883 884 885 886 887 888 889 890 891 892 893 894 895 896 897 898 899 900 901 902 903 904 905 906 907 908