Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 04
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy

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Page 897
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ८९४ चतुर्थों भागः शूल ] - - रुचि नष्ट करता है। । ६३९९ लोहभस्म योगः पक्तिशूल ५९८६ रसादि लेपः समस्त प्रकारके शूल, ६४४२ लोहामृतम् ,,, उदर शूल ६४४४ लोहाभयाचूर्णम् शूल ५९९१ रसोनादिलेपः वातज शूल ६९२४ वचादि वटी शूल, वायु, अग्निमांद्य ५९९३ राजिकादिलेपः , " ७०४६ विद्याधराभ्रम परिणामशूल, अन्नद्रव शूल, पुरानाअग्निमांध नस्य-प्रकरणम् ७०४७ , , परिणामशूल, आमशुल, ५४५९ मरिचादिनस्यम् शल कृशता, आलस्य, अ. रस-प्रकरणम् ५४७९ मण्डूर योगः त्रिदोषज शूल ७०६३ विश्वरूप रसः अन्नद्रव शूल, प्रबल ५४८१ " , परिणाम शूलको अव मलावरोध, वायु श्य नष्ट करता है। ७११२ बहत्रिफलाचं समस्त शूल, अग्निमांद्य ५४८४ , वटिका पक्तिशल लौहम् ५५५१ महात्रिपुरभैरव परिणाम शूल ७१३४ वैश्वानर योगः त्रिदोषज शल ५५८१ महेश्वर रसः शूल, अग्निमांद्य, पाण्डु | ७१४० , लौहम् हर प्रकारका साध्या५६५१ मृतोत्थापनरसः हृदयशूल, पार्श्वशूल, साध्य शल शिरशूल ६०७९ रसमण्डूरम् शल, अम्लपित्त मिश्र प्रकरणम् ६३४३ लघुशंखभस्म शूल । ५८४५ यवशक्तुयोगः पुराना परिणाम शूल ६३८५ लोहगुटिका परिणाम शूल ७१६४ विदार्यादियोगः त्रिदोषज शलको तुरन्त ६३८९ लोहत्रिफलायोगः समस्त प्रकारके शूल । नष्ट करता है। (५६) शोथ कषाय-प्रकरणम् ६५२४ विडंगादिक्वाथः शोथातिसार ६५३१ विशालादिक्वाथः पित्तजशोथ चूर्ण-प्रकरणम् ६६१७ विडङ्गादिचूर्णम् शोथ ६६१८ , , शोथातिसार For Private And Personal Use Only

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