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चतुर्थों भागः
शूल ]
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रुचि
नष्ट करता है। । ६३९९ लोहभस्म योगः पक्तिशूल ५९८६ रसादि लेपः समस्त प्रकारके शूल, ६४४२ लोहामृतम् ,,,
उदर शूल
६४४४ लोहाभयाचूर्णम् शूल ५९९१ रसोनादिलेपः वातज शूल ६९२४ वचादि वटी शूल, वायु, अग्निमांद्य ५९९३ राजिकादिलेपः , "
७०४६ विद्याधराभ्रम परिणामशूल, अन्नद्रव
शूल, पुरानाअग्निमांध नस्य-प्रकरणम्
७०४७ , ,
परिणामशूल, आमशुल, ५४५९ मरिचादिनस्यम् शल
कृशता, आलस्य, अ. रस-प्रकरणम् ५४७९ मण्डूर योगः त्रिदोषज शूल ७०६३ विश्वरूप रसः अन्नद्रव शूल, प्रबल ५४८१ " , परिणाम शूलको अव
मलावरोध, वायु श्य नष्ट करता है। ७११२ बहत्रिफलाचं समस्त शूल, अग्निमांद्य ५४८४ , वटिका पक्तिशल
लौहम् ५५५१ महात्रिपुरभैरव परिणाम शूल ७१३४ वैश्वानर योगः त्रिदोषज शल ५५८१ महेश्वर रसः शूल, अग्निमांद्य, पाण्डु | ७१४० , लौहम् हर प्रकारका साध्या५६५१ मृतोत्थापनरसः हृदयशूल, पार्श्वशूल,
साध्य शल शिरशूल ६०७९ रसमण्डूरम् शल, अम्लपित्त
मिश्र प्रकरणम् ६३४३ लघुशंखभस्म शूल
। ५८४५ यवशक्तुयोगः पुराना परिणाम शूल ६३८५ लोहगुटिका परिणाम शूल ७१६४ विदार्यादियोगः त्रिदोषज शलको तुरन्त ६३८९ लोहत्रिफलायोगः समस्त प्रकारके शूल ।
नष्ट करता है।
(५६) शोथ
कषाय-प्रकरणम् ६५२४ विडंगादिक्वाथः शोथातिसार ६५३१ विशालादिक्वाथः पित्तजशोथ
चूर्ण-प्रकरणम् ६६१७ विडङ्गादिचूर्णम् शोथ ६६१८ , , शोथातिसार
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