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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शीतपित्त] चतुर्थों भागः (५४) शीतपित्ताधिकारः कषाय-प्रकरणम् रस-प्रकरणम् ५८३१ यवान्यादियोगः शीतपित्त ५७३१ यष्ट्यादि काथः शीतपित्त (५५) शूल योगः ५०२४ " " " पसली " कपाय-प्रकरणम् | ५१४८ मुस्तादि चूर्णम् कफजशूल, आम ५०२२ मातुलुङ्गरसादि पसली और हृदयका | ५७४६ यमान्यादि , वातजशूल शूल, अपान वायुका ५७५३ यवक्षारादि , शूल, गुल्म, अग्निमांद्य रुकना, मलावरोध ५७५९ यवान्यादि , शूल ५९१९ रुचकादि ,, पार्श्वशूल, विसूचिका बस्तिका शूल (सरल | ६२२९ लवण योगः कफजशूल, योग) ६५७७ वचादि चूर्णम् समस्त प्रकारके शल ५०२५ , , , , कफजशूल, यकृत्क्षय ६६३४ विश्वादि , , , , जन्यशूल ५८५७ रसोनयोगः वातकफजशूल, (अग्नि गुटिका-प्रकरणम् दीपक) ६६७२ विडंगादिमोदकः त्रिदोषज परिणामशल ६५२९ विदार्यादियोगः त्रिदोषज शूल । ६६७४ विश्वादिवटी शूल, अग्निमांध, वायु ६५३३ विश्वादिकषायः शीघ्र शूलनाशक ६५३४ , , शूल अवलेह-प्रकरणम् ६५४२ , , हृदय, पार्श्व, आमाशय और पक्वाशयका शूल ६२५९ लशुनयोगः आमशूल ६५६८ व्याघ्यादि , हृदय, कुक्षि और पसलीका कफज शूल लेप-प्रकरणम् ५३४४ मदनफलादिलेपः शूल चूर्ण-प्रकरणम् ५३४६ मदनादि , , ५१०७ मन्दारमूलिकाचं वातज शल | ५८०६ यवपिष्टलेपः दुस्तर उदर शूलको भी For Private And Personal Use Only
SR No.020117
Book TitleBharat Bhaishajya Ratnakar Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
PublisherUnza Aayurvedik Pharmacy
Publication Year1985
Total Pages908
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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