Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 04
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy

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Page 904
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धातुप्रकरण] चतुर्थों भागः पुटी कढ़ाई में ६४१७ ॥ ६४१२ ,, , गुड़ गंधक योगसे २० ६९०२ वंग मारणम् ___हरताल योगसे ६९०३ ,, , हरताल पारद योगसे ६४१३ ,, , १० पुटी अत्यन्त लाल भस्म ६९०४ ६४१४ लोह मारणम् ४ पुटी भस्म ६९०५ , " हल्दी चूर्ण शोरक यो६४१५ लोह मारणम् पारद गंधक योगसे गसे श्वेत भस्म (सोमामृत) बिना अग्नि ६९०९ वंग शोधनम् संभालू रस द्वारा योगसे ३ दिनमें ६९१० , , अर्क दुग्ध द्वारो ६४१६ ,, , हिंगुल योगसे ७ पुटी ६९३३ वज्र मारणम सात पुटो भस्म भस्म ६९३४ वज्र शोधनम् ६९३५ , , ६४१८, कासीस योगसे बिना अग्नि ६९६१ वराटिका मारणम् ६४१९ ॥ शोरा गंधक योगसे लाल ६९६२ , शोधनम् भस्म ७०५७ विमला शुद्धिः ६४२९ लोहविकार शमनोपायः ७०७७ विष मारणम् ६४३० लोह शोधनम् ७०७८ , ६४३१ " " ७०८० ,, रक्षणम् विषको दीर्घकाल तक ६४३२ ॥ " सुरक्षित रखनेकी विधिः ६८९६ बंग मारणम् हरताल योगसे १० ७०८३ पुटी भस्म ६८९७ , , हरताल अर्क दुग्ध यो- ७०८५ , " गसे ७ पुटी भस्म ७०८६ ६८९८ , , अपामार्ग योगसे ७१२३ वैक्रान्त , ६८९९ , , हल्दी जी रे आदिके ,, | ७१२४ ६९०० , " हरताल तथा अर्कदुग्ध,, ७१२५ ,, , ६९०१ " " इमलीकी छालके योगसे ७१२६ वैक्रान्त सत्व पाकण्डोंके सम्पुट द्वारा तनम् इत्यो३म् विष शोधनम् ७०८४ " For Private And Personal Use Only

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