Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 04
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy

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Page 907
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir निखिल भारतवर्षीय आयुर्वेद विद्यापीठके भूतपूर्व सेक्रेटरी. ओनररी फिजिशीयन प्रीन्स वेल्स हास्पिटल कानपुर, श्रीयुक्त डा. प्रसादीलाल झा. L. M. S., आयुर्वेद निधि, भिषग्रत्न ___ भारत भैषज्य रत्नाकर अत्यन्त ही उपयोगी ग्रन्थ है । इसके तैयार करने में बहुत ही परिश्रम और व्यय किया गया प्रतीत होता है । इसमें बहुसंख्यक पुस्तको के प्रयोगों का संग्रह होने के कारण यह वैद्यों, डाक्टरों, आयुर्वेद विद्यापीठ आयुर्वेदिक कालेजों के विद्यार्थीयों, भ्युनिस्पेल्टियों और डिस्ट्रिक्ट बोर्डो के औषधालयों, आयुर्वेदिक फार्मसीओं और केमिस्टों के लिए बड़ा ही उपयोगी है। मैं सबसे इस ग्रन्थके खरीदनेके लिए हृदयसे प्रेरणा करता हूँ । ग्रन्थ मुझे स्थायी रूपसे उपयोगी सिद्ध हुवा है। हिन्दु युनिवर्सिटी बनारसकी आयुर्वेदिक रसायनशालाके सुपारण्टेन्डेन्ट; यू. पी. गवर्नमेन्ट के बोर्ड आफ मेडिसिनके मेम्बर कविराज श्री प्रतापसिंहजो भिषग्मणि, लिखते हैं यह लिखते अत्यन्त हर्ष होता है कि रसवैद्य नगीनदास छगनलाल शाह (उंझा) गुजरात वाले आयुर्वेदकी अत्यन्त सेवा कर रहे हैं। इनकी रसशाला तथा मासिक पत्र तो काम कर ही रहे थे, किन्तु अब आपने यह भारत भैषज्य रत्नाकर नामक ग्रन्थ सम्पादन कर परम उपयोगी कार्य किया है। ऐसे ग्रंथ के प्रकाशन और प्रचार की वैद्यसमाजमें बहुत आवश्यक्ता थी वह इसके सम्पूर्ण होनेसे पूरी हो जायगी, पुस्तक बहुत उपयोगी और उपादेय है । आशा है वैद्यसमाज इसे अपनाकर संपादकका उत्साहवर्धन करेगा। ग्वालियर स्टेट आयुर्वेद विद्यालय, श्री-१०८ कालीकमली वाले के आयुर्वेद विद्यालय, ललित हरि आ. ३. कालेज पीलीभीत, जगन्नाथ पुरी संस्कृत महाविद्यालय, गुरूकुल विश्वविद्यालय कागड़ी श्रीमद् दयानन्द आयुर्वेदिक कालेज लाहौर, बडोदरा स्टेट की आयुर्वेदिक कालेज, पाटण आदि कालेजों के प्रिन्सिपलोंने मुक्त कंठसे प्रशंसा की है। निखिल भारतवर्षीय आयुर्वेद महामण्डल की मुखपत्रिका वैद्य सम्मेलन पत्रिकाआयुर्वेद क्षेत्र में कार्य करनेवाले वैद्य को इस पुस्तक को अवश्य रखना चाहिये, क्यों कि इस एक ही ग्रन्थ में प्रसिद्ध और अप्रसिद्ध सभी ग्रन्थों के प्रयोग प्रत्येक रोग पर लिखे हुए हैं अतएव जिन वैद्योंको चिकित्सा काम में अधिक लिप्त रहना पड़ता है उनका अन्य ग्रन्थों में विभिन्न औषधियों के अन्वेषणा से बच कर केवल इसी से अनायास सब कार्य चल सकता है। इसके सिवाय, वैद्य, अनुभूत योगमाला, आरोग्य रत्न, चिकित्सक, आंध्र मेडीकल जनरल, कल्पद्रुम, वैद्य कल्पतरू आदि वैद्यक पत्रोने मुक्त कंठसे प्रशंसा की है पता-ऊंझा फार्मसी, अहमदाबाद, Ahmedabad. For Private And Personal Use Only

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