Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 04
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy
View full book text ________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
बालरोग]
चतुर्थो भागः
६८७७ विडङ्गाद्यञ्जनम् कुकूणक, पोथकी ६८८२ व्योषाद्यञ्जनम नेत्रकण्डू
मिश्र-प्रकरणम् ५७१५ मृत्पिण्डप्रयोगः नागि शोथ ५७२० मोचरसादियवागू अतिसार ६१७७ रसाञ्जनादियोगः गुद पोक ७१५० वचाद्यत्सादनम् स्कन्दापस्मार ७१६८ वृद्धदारुकारच्यो. कुकूणक
तनम्
रस-प्रकरणम् ५६६३ मृद्विरेचन रसः मृत्तिका विरेचन
(३५) भगन्दराधिकारः
तैल-प्रकरणम्
लेप-प्रकरणम् ५८०४ यष्टयादि तैलम् भगन्दर, कुष्ठ, प्रमेह ! ६८४२ वटपत्रादि लेपः अपक्वभगन्दर पिडिका
रस-प्रकरणम् ६८१३ विष्यन्दन ,, भगन्दरशोधक, रोपण, ६१५७ रूपराजरसः भगन्दरको शीघ्र नष्ट सवर्णकारक
करता है। ७००९ वारिताण्डवरसः भगन्दर
७०२६ विजया गुटिका भगन्दर, शोथ, कासादि -O -40(३६) भग्नरोगाधिकारः
कषाय-प्रकरणम्
गुग्गुलु-प्रकरणम् ५८६१ रसोनादि कल्कः छिन्न भिन्न स्थान च्युत ६२५५ लाक्षा गुग्गुलुः अस्थिभङ्ग, सन्धिच्युत अस्थि
अस्थिकी पीड़ा ६६८७ वज्रवल्यादि भग्न रोग, ग्रन्थि
गुग्गुलुः
For Private And Personal Use Only
Loading... Page Navigation 1 ... 872 873 874 875 876 877 878 879 880 881 882 883 884 885 886 887 888 889 890 891 892 893 894 895 896 897 898 899 900 901 902 903 904 905 906 907 908