Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 04
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy
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५००० मधूकादिशीतक ० पित्त ज्वर ५००१ मधूदक योगः
५००६ मरिचादिकाथः
५००७
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वात ज्वर
५००९ मरीच्यादि " ५०१२ महाबलादिकषायः शीत कम्प युक्त ज्वर
२, ३ दिनमें ही नष्ट हो जाता है
५०२८ मातुलुङ्गादि
क्वाथः
५०२९
५०३०
ܙܪ
५०१५ महौषधादिक्वाथः तृतीयक
५०२० मातुलुङ्गमूलादि कफज्वर पाचक
कषायः
शीताङ्ग सन्निपात
५०५०
५०५१
५०५२
५०५४
५०५५
५०५६
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५०४० मुद्गादि कषायः
५०४७ मुस्तादि काथः
५०४९
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भारत-भैषज्य रत्नाकरः
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शीतला पूर्व रूप में
से उसे रोकता है।
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उपद्रव युक्त कफज्वर
कर्णक सन्निपात
कफ ज्वर
अभिन्यास, अफारा,
शूल
पित्त ज्वर
ज्वरनाशक, अनि दीपक
वात पित्त ज्वर
वात ज्वर
वात कफ ज्वर
सन्निपात, मन्यास्तम्भ,
सन्धिग्रह
वात पित्त ज्वर पर
अनुभूत
कफ ज्वर
चित्तभ्रम, दाह, छर्दि,
मन्थरज्वर
५०५७ मुस्तादि क्वाथः न्यूमोनिया
५०५८
५०६१
५०६४
५०६८
५०७२
५०७३
29
५०७५
पाचन आम
५०७७ षडंगपानीय ज्वर, दाह, तृषा
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22
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५८५३ रजन्यादि
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५०८७ ""
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५०८९ मृद्वीकादि हिमः ५७२१ यवादि काथः
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५७२५ यवादि काथः ५७२६ शीतकषायः ५७२७ यवान्यादिकाथः
५७३० यवासादिकाथः
५७३३ ष्टयादि
५७३५
५७३६
५०८६ मृणालादि काथः ज्वर
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५०७८ 77 ५०८० मुस्ताद्यष्टादशांग पित्त प्रधान सन्निपात,
काथः
मन्यास्तम्भ, शिरोग्रह, पार्श्वग्रह.
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11
[ ज्वर
रुग्दाह सन्निपात
छर्दि, दाह, अरुचि ज्वर
प्रबल वात पित्त
तीव्र कफ
विषम
चातुर्थिक
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पित्त उवर
कफ पित्तज्वर, पिपासा दाह, छर्दि (अग्निदीपक) पित्त कफ ज्वर पित्त ज्वर
कफ ज्वर, कास, श्वास
वात ज्वर
वात पित्त ज्वर
विषम ज्वर
उग्र सन्निपात, विषम
ज्वर
सन्निपातमें अत्युपयोगी वमन, स्वेद, प्रलाप, शीताङ्ग, तृषा, तन्द्रा,
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