Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 04
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy

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Page 845
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ८४२ भारत-भैषज्य-रत्नाकरः [कुष्ठ, रक्तविकार तैल-प्रकरणम् ५३२५ मेष शृङ्गी तै० वातज कुष्ठ ५२६७ मञ्जिष्ठादितैल कुष्ठ ५८०० यष्टिमधुकाधं,, उपद्रव तथा सवाग शूल ५२७३ मजिष्ठाद्य सूर्यखुजली युक्त समस्त शरीरगत पाक तैलम् वातरक्त, दाह, ज्वर. ५२७७ मधुकादि तैलम् वातरक्त ५९६३ रुद्र गुडुची ,, सपिद्रवयुक्त वातरक्त ५२८० मध्यम गुडूची ,, कष्टसाध्य वातरक्त . ५९६५ रुद्र तैलम् बातरक्त, अस्थिमज्जा५२८१ मनः शिलादि ,, चित्रकुष्ठ, त्वचाकी गत गलित कुष्ठ, परुषता, दाद, कष्टसा अस्वेद इत्यादि. ध्य विचर्चिका, सिध्म, | ५९६६ ,,, (महा) वातरक्त, कुष्ठ, दाह, पामा आदिको अत्यन्त कण्डू, अस्वेद, अधिक शीघ्र नष्ट करता है। स्वेद. ५२८३ मनःशिलाद्यतैलम् दाद, पामा, विचर्चिका | ६७७६ वज्रकं तैलम् समस्त कुष्ठ, नाडीव्रण कलास ६७७७ , , वातकफज चर्मरोग ५२८४ भरिचादि तैलम् सिध्म, नवीन किलास ६७७९ वजी , समस्त कुष्ठ ५२८५ ,, ,, कठिन चर्म दल, म- ६७९० वासा रुद्र , दाद, विसर्प, वातरक्त, ण्डल, विसर्प, किलास, चर्मरोग विचर्चिका, सिम | ६७९१ विचर्चिकारि ,, अति दुःखदायी विच५२८६ मरिचाधं तैलम् दाद, पामा, विचर्चिका चिका पुराना स्वित्र ६७९८ विद्रावण , पामा, विचर्चिका, दाद, ५२८८ ,, ,, (बृहत्) पामा, विचर्चिका,कण्डू खुजली ५२९३ महातृणकतैलम् त्वग्रोग। ६८०० विष , श्वेत कुष्ठ, विस्फोटक, ५२९४ ,, ,, ,, समस्त कुष्ठ मकड़ीका विष, विच५२९८ ,, पिण्ड ,, शरीरकी जकड़ाहट चिका, कण्डू आदि ज्वर (वातरक्तको अ. | ६८०८ विषतिन्दुक , द्विविध वातरक्त, त्ववश्य नष्ट करता है) ग्दोष, सुप्ति वात, वि. ५३०२ , भल्लात , समस्त कुष्ठ । वर्णता ५३०३ , मार्तण्ड ,, कुष्ट, कृमि, कण्डू, ६८०९ विषादनं , सिध्म, विचर्चिका, पामा विस्फोटक ६८२३ वृहद् गुडूची ,, वातरक्त, उदावर्त. कुष्ठ ५३२३ मेध्याविकं , दाद, खाज, शूकरदंष्ट्रा । For Private And Personal Use Only

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