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बधाई/अभिनंदन
डॉ. जयकुमार जैन-अहिंसा इंटरनेशनल पुरस्कार से सम्मानित
नई दिल्ली। जैन साहित्य की बहुआयामी श्री वृद्धि में विशेष योगदान देने वाले डॉ. जयकुमार जैन, मुजफ्फनगर (उ.प्र.) को अहिंसा इंटरनेशनल डिप्टीमल आदीश्वर लाल जैन साहित्य पुरस्कार ( जिसमें ५१ हजार का चैक एवं प्रशस्तिपत्र) श्वेतपिच्छाचार्य श्री विद्यानन्द जी मुनिराज के सान्निध्य में कुन्दकुन्द
भारती के खारवेल भवन में आयोजित कार्यक्रम में १२ जनवरी २०१४ को प्रदान किया
गया।
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अनेकान्त 67/2, अप्रैल - जून 2014
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आप प्राथमिक स्तर से लेकर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर की परीक्षा में सदा प्रथम स्थान प्राप्त कर स्वर्ण पदक विजेता बने। आपने 'पार्श्वनाथ चरित का समीक्षात्मक अध्ययन' विषय पर बहु - प्रशंसित शोधकार्य करके पीएच. डी. की उपाधि प्राप्त करने के साथ-साथ सिद्धान्त शास्त्री आदि अनेक उपाधियां प्राप्त कीं। आपने ५० से अधिक विश्वविद्यालय स्तरीय पुस्तकें, जिनमें से १० पाठ्यक्रम में निर्धारित/संस्तुत हैं। आपने अनेक जैन ग्रन्थों का अनुवाद, सम्पादन एवं समीक्षा, १०० से अधिक शोधपत्र एवं अनेकों सामाजिक लेख तथा कई संगोष्ठियों का संचालन एवं संयोजन कर चुके हैं।
आप वीर सेवा मन्दिर, दरियागंज, नई दिल्ली से प्रकाशित देश की ख्यातिप्राप्त ‘अनेकान्त” शोध त्रैमासिकी पत्रिका के सन् २००० से प्रधान सम्पादक हैं। अनुसंध ान, शोध वैचारिकी, तीर्थंकर वाणी, शास्त्री परिषद्, गुप्ति संदेश, सराक ज्योति आदि में संपादन एवं लेखन के रूप में विशिष्ट योगदान रहा है। आप वर्तमान में मुजफ्फनगर में स्थित एस. डी. पी. जी. कॉलेज में संस्कृत विभागाध्यक्ष, अखिल भारतवर्षीय विद्वत् परिषद के यशस्वी अध्यक्ष, भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अन्तर्गत वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग की प्राच्य धर्म दर्शन परिभाषा कोष योजना में विशेषज्ञ सहायक के रूप में प्रशंसनीय सेवाएं दे रहे हैं।
वीर प्रभु आपकी लेखनी को सतत प्रवहमान रखें ताकि आपके अनुभवों का समाज को लाभ मिलता रहे।
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- डॉ. आलोक कुमार जैन (उपनिदेशक) वीर सेवा मंदिर, नई दिल्ली