Book Title: Anekant 2014 Book 67 Ank 01 to 04
Author(s): Jaikumar Jain
Publisher: Veer Seva Mandir Trust
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अनेकान्त 67/4, अक्टूबर-दिसम्बर, 2014
१.श्री तारणतरण श्रावकाचार के टीकाकार, ब्र. शीतलप्रसाद की भूमिका, पृष्ठ-११ २. गाथा ४४८ पृ. ३८० - वही - ३. भावपाहुड टीका - १११/२६१/२१- प्रकाशक-माणिकचंद्र ग्रंथमाला, मुम्बई। ४. रत्नमाला- गाथा ६३-६४ ५. व्रतविधान संग्रह - पृष्ठ ३१ ६.सागार धर्मामृत-तृतीय अध्याय, श्लोक-१६- पं. प्रवर आशाधर जी ७. क्रियाकोष पृष्ठ २४४- पं. दौलतराम ८. व्रतविधान संग्रह- पृष्ठ २० ९. गाथा-२००- न्याय समुच्चय सार (आचार्य तारणतरण), टीकाकार- ब्र. शीतलप्रसाद १०. गाथा ४७९- मूलाचार-आचार्य कुंदकुंद ११. श्लोक ६२, पंचम अधिकार, अनगार धर्मामृत, पृष्ठ-४०८- पं. प्रवर आशाधर १२. श्लोक ६३, वही १३. गाथा २१२- भगवती आराधना १४.श्लोक २८- पंचम अधिकर- अनगार धर्मामृत, पृ. ४०८, पं. प्रवर आशाधर १५. श्लोक ६५ वही, पृ. ४०९- पं. प्रवर आशाधर १६. भावधि- पंचम अधिकार, अनगार धर्मामृत, पृ. ४१० से उद्धृत, पं. अशाधर १७. श्लोक - मूलाचार ६/७० आचार्य कुंदकुंद १८. जैनधर्म का वैज्ञानिक चिंतन, पृ.६५-६६- प्राचार्य पं. निहालचंद जैन १९. वही - पृष्ठ ६४ २०. वही - पृ. ६६ २१. श्लोक १६- धर्मसंग्रह श्रावकचार २२. दोहा १३, प्रा. पं. निहालचंद जैन लिखित जैनधर्म का वैज्ञानिक चिंतन, पृ. ६५ २३. सूत्र २९, अध्याय पंचम, तत्वार्थसूत्र, आचार्य उमास्वामी २४. श्लोक ८५, रत्नकरण्डश्रावकाचार, पृ. १३८ आचार्य समन्तभद्र २५. श्लोक १६२ पुरुषार्थसिद्धयुपाय- आचार्य अमृतचंद्र २६. श्लोक ४१, पंचम अधिकार, पृ. ४०२ पं. प्रवर आशाधर, अनगार धर्मामृत २७. श्लोक ६६, पृ. ११० रत्नकरण्ड श्रावकाचार-आचार्य समंतभद्र २८. श्लोक १, पंचम अधिकार, अनगार धर्मामृत, पृ. ३७७, पं. प्रवर आशाधर २९. कथन- जैनधर्म का वैज्ञानिक चिंतन एवं इंटरनेट से साभार ३०. विभिन्न भौतिक विज्ञान की पुस्तकें एवं इंटरनेट से साभार ३१. एड्रिनल ग्रंथि के स्राव और कार्य- विभिन्न चिकित्सा विज्ञान की किताबें एवं इंटरनेट ३२. गुण प्रतिशत - इंटरनेट से उद्धृत ३३. मांसाहार के दोष ---- वही --------
- ८०२ आर. पी. नगर, फेस-१
कोसाबाड़ी, कोरबा (छ.ग.)

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