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मोक्ष पदार्थ
दोहा
१. मोक्ष नवां पदार्थ कहा गया है । वह सब पदार्थों में उत्तम है। इसमें सब गुण समाहित हैं। उन सुखों का कोई छोर व पार नहीं है ।
२. जीव का कर्मों से मुक्त होना मोक्ष है। उसके 'परमपद', 'निर्वाण', 'सिद्ध' और 'शिव' आदि अनेक नाम है।
३. उत्कृष्ट पद प्राप्त करने से उसका नाम परमपद है। कर्म रूपी दावानल के मिटने से शीतल हुआ इसलिए उसका नाम निर्वाण है।
४. सर्व कार्य सिद्ध होने से उसे सिद्ध कहा गया है । उपद्रवों से रहित हुआ इसलिए उसका नाम शिव है 1
५. इस प्रकार गुणानुसार मोक्ष के नाम जानें। अब मोक्ष के सुखों का वर्णन करता हूं, उसे चित्त को स्थिर रखकर सुनें ।
ढाल : १२
मोक्ष पदार्थ सब पदार्थों का सिरमोर है ।
१. मोक्ष पदार्थ के सुख शाश्वत हैं। उन सुखों का कभी अन्त नहीं आता। वे सुख जीव के अमूल्य निजगुण हैं। भगवान ने उन सुखों को अनंत कहा है ।