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योग-प्रयोग-अयोग/८५
रंग-हरा (Green) शारीरिक
शारीरिक स्वस्थता में लाभप्रद, मांसपेशियों, हड्डियों तथा कोशिकाओं को सशक्त बनाने में उपयोगी, आँखों के लिए
विशेष लाभदायक । मानसिक
तनावमुक्ति, पिट्यूटरी ग्लैण्ड की सक्रियता से क्रोध
मुक्ति । आध्यात्मिक
सरल और शान्त प्रकृति फिर भी धैर्यता की कमी ईर्ष्या और
द्वेष तत्त्व की प्रधानता । भावात्मक
भाव के अनुरूप रंग का प्रभाव। रंग-नीला- (Blue) शारीरिक
रक्त विशुद्धि, वीर्य संवर्धन, लिवर फास्ट होने पर इस रंग का प्रयोग लाभदायक, शीत, संकुचन आदि गुणों से युक्त
किन्तु नाड़ीतन्त्र में कुछ हानि । मानसिक
मानसिक शान्ति, विशुद्धि चक्र की सक्रियता, माया कपट
से रहित । विनय गुण से युक्त । आध्यात्मिक
ध्यान, एकाग्रता, आसन की ओर विशेष झुकाव । भावनात्मक
भाव के अनुसार रंग का प्रभाव-(विशेष-सात खरब तीस अरब प्रति सेकण्ड पर नीले रंग का स्पर्श
संवेदन होता है ।) रंग-पीला- (Yellow)
ये रंग लाल और हरे का मिश्रण है। दोनों रंगों के गुणदोष इसमें मिलते हैं । अतः शारीरिक आदि प्रभाव दोनों के अनुरूप जानना । विशेष-बुद्धि प्रधान, उत्साह, साहस
प्रसन्नता और आनन्द सूचक ये रंग हैं । वैज्ञानिक हेरिंग के अनुसार रंग तीन विभागों में विभक्त हैं-१.लाल और हरा, २. पीला और नीला तथा ३. श्वेत और काला। प्रत्येक विभाग के दोनों रंग एक दूसरे से प्रभावित हैं तथा उत्तेजना का प्रभाव समान रूप से ग्रहण करते हैं। इन छहों रंगों का आहार, विहार, विचार और भाव से सम्बन्ध होता है।