________________
बोधिसत्त्व-अवधारणा के उदय में बौद्धेत्तर प्रवृत्तियों का योगदान १११
धर्मदूतों के दक्षिण भारत में पधारने की बात कही जाती है परन्तु यह सर्वथा असंदिग्ध नही मानी जा सकती।
___ यहाँ यह उल्लेखनीय है कि भले ही सिकन्दरिया और दक्षिण भारत में इन दोनों धर्मों के परस्पर विनिमय का प्रश्न संदिग्ध हो किन्तु सीरिया एवं मध्य एशिया में इस प्रकार के पारस्परिक आदान प्रदान की संभावना अधिक बलवती प्रतीत होती हैं। सम्राट अशोक के धर्म दूत-सीरिया एवं बैक्ट्रिया भेजे गये । कंधार के समीप विद्यमान अशोक का शिलालेख तथा सम्पूर्ण अफगानिस्तान एवं हिन्दुकुश तक के क्षेत्र में विस्तृत प्रचुर बौद्ध अवशेष भी इस बात के साक्ष्य हैं कि अशोक के शासनकाल से ही वहाँ बौद्ध धर्म था। सम्भवत: ये क्षेत्र महायान के उद्भव एवं विकास के इतिहास की दृष्टि से भी अत्यन्त महत्वपूर्ण थे। इन्हीं भू-प्रदेशों में बौद्ध धर्म एवं ईसाई धर्म के परस्पर सम्पर्क में आने की कल्पना कुछ अधिक उचित प्रतीत होती है। निष्ठावान गवेषकों ने अपने शोधों के दौरान बौद्ध एवं ईसाई उपाख्यानों, धार्मिक विधि विधानों अतिमानवीय तत्त्वों आदि में आश्चर्यजनक साम्य पाए हैं। परन्तु इनमें से अधिकतर साम्य मात्र संयोग जनित ही प्रतीत होते हैं। फिर भी जब दो धार्मिक विचारधाराएं एक दूसरे के सम्पर्क में आती हैं तो एक दूसरे से कुछ न कुछ प्रभावित होती ही हैं। जोसेफत और बलराम की कथा में यूनानी और रोमन कैथोलिक इन दोनो ही ईसाई शाखाओं ने बोधिसत्त्व शब्द को पहलवी, अरबी तथा सीरियाई माध्यमों से लेकर जोसाफत रूप में अपना लिया है। इतना ही नहीं प्रसिद्ध ईसाई सन्तों के रूप में इन दोनों को भी स्वीकार किया गया, यद्यपि इनके कथन निश्चित ही जातक कथाओं की शैली पर भगवान बुद्ध के महाभिनिष्क्रमण आदि के ही हैं।
अब ईसाई धर्म के आदर्शों और धारणाओं के बोधिसत्त्व अवधारणा को प्रभावित करने की बात को लिया जाय। महायान के कुछ आदर्शों एवं धारणाओं के विकास क्रम की यदि परीक्षा की जाय तो स्पष्ट रूप से परवर्ती महायान की भावना में कुछ पृथकरूपता सी दिखती हैं। नागार्जुन एवं वसुवन्धु का महायान प्रज्ञा एवं करुणा इन दोनों में प्रज्ञा को शीर्षस्थानीय महत्व प्रदान करता
१. वी. ए. स्मिथ अशोक पृ. ६१. २. ई. आर. भाग ७. बरलम एंड जोसेफ पृ. ५६८ बी. एच. जी. रालिंसन ‘इन्टरकोर्स'
पृ १६३ आदि।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org