Book Title: Shramanvidya Part 3
Author(s): Brahmadev Narayan Sharma
Publisher: Sampurnanand Sanskrut Vishvavidyalaya Varanasi
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सद्दबिन्दु कितपच्चया तेरस छहोन्ति किच्चपच्चया कितकिच्चा पन्नरस चतुतिंस समूहतो ति (?)'
सहसत्थन्तरे पन कितकिच्चभेदेन द्वेधा वृत्ता ति। तथा पि लक्खणवसेन वुत्तं ति दट्ठब्बं। कितादी ति एतेन कित-किच्च-कितकिच्चये साधेती ति दस्सेति। अपी ति पदेन सत्त साधन वुत्तरूपं ति दस्सेति। अधिप्पायो पन अतिविय पाकटो येव। इति कितकप्पस्स अथवण्णनं सत्तमं ।
पकिण्णकं १९-२०. (एवं कितकण्डं) दस्सेत्वा इदानि अत्तना कत्तब्बस्स पकरणस्स गुणं दस्सेतुं इमिना किञ्चि लेसेन ति आदि आरद्धं। सब्बे पयोगा पन एकेन बिन्दुना आणिना कुलपुत्तेन आणेन समन्नागता सद्दारजे सद्दसंखाते आरझे जिनागमे विहिता सक्का आतुं पटितुं, बिन्दुरसो बिन्दुरस उपलक्खितो वेगेन
१. तेरस कित पच्चया
ण्वु-कच्च. ५२९ रू-कच्च. ५३६-५३७,५४०-५४१, ण-कच्च. ५२६,५३०-५३१ क-कच्च. ६६३, ६६५, ६६६ (?) त-कच्च. ५५७-५५९
ति-कच्च. ५५४ तु-कच्च. ५६३
तवे-कच्च.५६३ इ कच्च.५५३, ५७१ अन्त, मान--कच्च.५६७ तुं-कच्च ५६५ तुन, त्वान-कच्च.५६६ छ किच्च पच्चया
अणियो। कच्च. ५४२ तब्ब-कच्च. ५४२
ण्यो-कच्च.५४३ रिच्च-,, ,,५४४
रिरिय- ,, ,, ५५६ ख- ,, ,, ५६२ पन्नरस कितकिच्च पच्चयाणो-कच्च.६५६ (?)
यु-कच्च.५३५,५४९-५५०। क्कि-,, ५३२।
रम्मो-,, ५३३। णु-कच्च ६७३।
ण्वु-,, ५२९,५३४; तु-कच्च-५२९,५३४ आवी-,, ५२९,५३४ ट्ठ-कच्च.५७४,५७५:६७४। रट्ठः रत्थु ५६८:५७४
अ-कच्च.५२७,५२८,५२९,५५५ इनि (इन) कच्च. ५६०,५६१ नु-कच्च.५३९।
का-कच्च.५९७। २. टी.सत्ता;
३. ?। ४. न्य-सो; टी संघे अझे; ५. पी-सो;टी.सत्ता; ६. पी-सिन्धुरसो।
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