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षड्दर्शनेषु प्रमाणप्रमेयसमुच्चयः
उद्धार कार्य का सौभाग्य मुझे मिला। अल्पज्ञतावश इसमें जो भी त्रुटियाँ रह गयी हों, विद्वद्गण से अनुरोध है कि मुझे जरूर सूचित करने की कृपा करें ताकि आगे उनका परिमार्जन हो सके। प्रस्तुत लघुग्रन्थ सभी दर्शनों के प्रमाणप्रमेय को सरल भाषा में समझने में उपयोगी सिद्ध हो, इसी कामना से इस ग्रन्थ का मूलपाठ प्रस्तुत है।
- कुमार अनेकान्त जैन
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