Book Title: Shatkhandagama Pustak 03
Author(s): Pushpadant, Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
Publisher: Jain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
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छक्खंडागमे जीवट्ठाणं
[१, २, १४. सव्वपरत्थाणप्पाबहुगं वत्तइस्सामो । तं जहा- सव्वत्थोवा चत्तारि उवसामगा। पंच खवगा संखेज्जगुणा । को गुणगारो ? अड्डाइज्ज रूवाणि । सजोगिकेवलिदव्वं संखेज्जगुणं । को गुणगारो ? संखेज्जसमया वा। अप्पमत्तसंजदा संखेज्जगुणा । को गुणगारो ? संखेज्जसमया वा। पमत्तसंजदा संखेज्जगुणा । को गुणगारो ? संखेजसमया वा । सव्वत्थ हेहिमरासिणोवरिमरासिम्हि भागे हिदे जो भागलद्धो सो गुणगारो। पमत्तसंजददव्वादो असंजदसम्माइट्ठि-अवहारकालो असंखेज्जगुणो । को गुणगारो ? सग-अवहारकालस्स संखेजदिभागो। को पडिभागो ? पमत्तसंजददव्यं । सम्मामिच्छाइटिअवहारकालो असंखेज्जगुणो। को गुणगारो ? सग-अवहारकालस्स असंखेज्जदिभागो । को पडिभागो ? असंजदसम्माइटि-अवहारकालो । सासणसम्माइटि-अवहारकालो संखेज्ज
अब सर्वपरस्थान अल्पबहुत्वको बतलाते हैं। वह इसप्रकार है- चारों उपशामक (उपशम श्रेणीके चारों गुणस्थानवर्ती जीव) सबसे स्तोक हैं । पांचों क्षपक (क्षपक श्रेणीके चारों गुणस्थानवर्ती और अयोगिकेवली जीव ) उपशमकोंसे संख्यातगुणे हैं। यहां गुणकार क्या है ? ढाई अंक गुणकार है।
उदाहरण—चारों गुणस्थानवर्ती उपशामक १२१६, १२१६४३ =३०४० पांचोंक्षपक।
सयोगिकेवलियोंका द्रव्यप्रमाण पांचों क्षपकोंसे संख्यातगुणा है। गुणकार क्या है ? संख्यात समय गुणकार है। अप्रमत्तसंयत सयोगिकेवलियोंके प्रमाणसे संख्यातगुणे हैं। गुणकार क्या है ? संख्यात समय गुणकार है । प्रमत्तसंयत अप्रमत्तसंयतोंके प्रमाणसे संख्यातगुणे हैं । गुणकार क्या है ? संख्यात समय गुणकार है। यहां सर्वत्र नीचेकी राशिसे उपरिम राशिके भाजित करने पर जो भाग लब्ध आवे वह वहां गुणकार होता है। उदाहरण-सयोगिकेवली ८९८५०२; अप्रमत्त २९६९९१०३, प्रमत्त ५९३९८२०६;
४८५३७ इससे सयोगी राशिको गुणित २९६९९१०३ : ८९८५०२ = ३३८९८५०२ करने पर अप्रमत्त राशि आती है। ५९३९८२०६ : २९६९९१०३ = २ इस गुणकारसे अप्रमत्त राशिको गुणित
करने पर प्रमत्तसंयत राशि आती है। प्रमत्तसंयतके द्रव्यसे असंयतसम्यग्दृष्टिसंबन्धी अवहारकाल असंख्यातगुणा है । गुणकार क्या है ? अपने अवहारकालका संख्यातवां भाग गुणकार है। प्रतिभाग क्या है ? प्रमत्तसंयतका द्रव्यप्राण प्रतिभाग है। उदाहरण-प्रमत्तसंयत ५९३९८२०६ % २, असंयतसम्यग्दृष्टि अवहारकाल ४;
४२२ गुणकार; २४२ = ४ अवहारकाल । असंयतसम्यग्दृष्टिके अवहारकालसे सम्यग्मिथ्याष्टिका अवहारकाल असंख्यातगुणा है । गुणकार क्या है ? अपने अवहारकालका असंख्यातवां भाग गुणकार है। प्रतिभाग क्या है? असंयतसम्यग्दृष्टिका अवहारकाल प्रतिभाग है।
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