Book Title: Shatkhandagama Pustak 03
Author(s): Pushpadant, Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
Publisher: Jain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati

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Page 602
________________ परिभाषिक शब्दसूची पृष्ठ शब्द शब्द पृष्ठ बहुव्रीहिसमास लब्धअवहार लन्धविशेष ३३०, ३३१ लब्धान्तर लोक बादरनिगोदप्रतिष्ठित बादरयुग्मराशि ३३, १३२ २४९ लोकप्रतर लोकप्रदेशपरिमाण व ३५७ १३३, १३४ भज्यमानराशि भव्यानन्त भव्यासंख्यात भागलब्ध भागहार भागाभाग भाजित भाज्यशेष भावप्रमाण भावानन्त भिन्नमुहूर्त ३३५ १ १४ वनस्पतिकायिक १२४ वर्गमूल ३८, ३९ वर्गशलाका ३९, ४८ वर्गस्थान १०१, २०७ वर्गितसंवर्गित ३९, ४१ वर्गितसंवर्गितराशि ४७ वर्तमानप्रस्थ ३२, ३९ वस्तु १६ वादाल ६६, ६७ विकल्प २०२, २०३ विरलन विरलित विष्कंभसूची २५५, २५६ विस्तारानन्त ६६ विस्तारासंख्यात वृद्धि (रूप) ५२, ७४ भंग ४०, ४२ १३१, १३३, १३८ मानुषक्षेत्र मुहूर्त ४६, १८७ युक्तामन्त युग्म (राशि) ३३५,३३६ राशि राशिविशेष रूपीअजीवद्रव्य २४९ शलाकी ३३ शलाकाराशि २४९ शाश्वतानन्त ३४२ शाश्वतासंख्यात श्रेणी १२४ ३३, १४२ ६५/समकरण Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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