Book Title: Shatkhandagama Pustak 03
Author(s): Pushpadant, Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
Publisher: Jain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati

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Page 601
________________ ( १८ ) शब्द तद्व्यतिरिक्तकर्मानन्त तद्ब्रूयतिरिक्तकर्मा संख्यात तद्व्यतिरिक्तद्रव्यानन्त तद्व्यतिरिकद्रव्यासंख्यात तद्व्यतिरिक्तनो कर्मानन्त तद्व्यतिरिक्त कर्मासंख्यात तेओजराशि त्रिकच्छेद त्रैराशिक दक्षिणप्रतिपत्ति दिवस देय द्रव्य द्रव्यप्रमाण द्रव्यप्रमाणानुगम द्रव्यभावप्रमाण द्रव्यानन्त द्रव्यानुयोग द्रव्या संख्यात द्विगुणादिकरण द्विरूपधारा द्विगुसमास द्वन्द्वसमास धर्मद्रव्य ध्रुवराशि मय नामानन्त नामासंख्यात नालिका माली Jain Education International ध न - परिशिष्ट पृष्ठ १६ | निगोदजीव १२४ निक्षेप १५ निरुक्ति १२४ निर्देश १५ १२४ नोआगम नोआगमद्रव्यानन्त | नो आगमद्रव्यासंख्यात नोआगमभावानन्त ७८ नोआगमभावा संख्यात २४९ ९५, ९६, १०० न्यास प ९४, ९८ परस्थान ( अल्पबहुत्व ) ६७ पर्याप्त २० परिहाणि ( रूप ) २, ५, ६ परीतानन्त १० पल्योपम १, ८ पुङ्गलद्रव्य ३९ पूर्वफल १२ | पृथक्त्व १ पृथिवीकायिक १२३ पंचच्छेद ७७, ८१, ११८ प्रक्षेप शब्द ५२ प्रक्षेपराशि ७ प्रक्षेपशलाका ७ प्रचय प्रतरपल्य प्रतरांगुल ३ | प्रत्येकशरीर ४१ प्रमाण ११ १२३ प्रमाण ( परिमाण ) १८ | प्रमाण (राशि) | प्रबाह्यमान ( पवाइज्ज माण ) प्राण ६५ ६६ | फल (राशि) For Private & Personal Use Only फ १, - पृष्ठ ३५७ ५१, ७३ ८, ९ १३, १२३ १३ १२३ १६ १२५ १८ २०८ ३३१ १८७ १८ ६३, १३२ ३ ४९ ८९ ३३० ७८ ४८, ४९, १८७ ४९ १५९ ९४ ७८,७९, ८० ३३१, ३३३ ४, १८ ४०, ४२, ७२ १८७, १९४ ९२ ६६ १८७, १९० www.jainelibrary.org

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