Book Title: Shatkhandagama Pustak 03
Author(s): Pushpadant, Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
Publisher: Jain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
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१७.] छक्खंडागमे जीवट्ठाणं
[१, २, १५४. इडिअवहारकालो संखेज्जगुणो। पम्मलेस्सियअसंजदसम्माइटिअवहारकालो असंखेज्जगुणो । सम्मामिच्छाइट्ठिअवहारकालो असंखेज्जगुणो। सासणसम्माइट्ठिअवहारकालो संखेज्जगुणो। काउलेस्सियअसंजदसम्माइडिअवहारकालो असंखेज्जगुणो। किण्हलेस्सियअसंजदसम्माइट्ठिअवहारकालो असंखेज्जगुणो । णीललेस्सियअसंजदसम्माइडिअवहारकालो विसेसाहिओ । काउलेस्सियसम्मामिच्छाइडिअवहारकालो असंखेज्जगुगो। सासणसम्माइडिअवहारकालो संखेज्जगुणो। किण्हलेस्सियसम्मामिच्छाइडिअवहारकालो असंखज्जगुणो । णीललेस्सियसम्मामिच्छाइटिअबहारकालो विसेसाहिओ । किण्हलेस्सियसासणसम्माइडिअवहारकालो संखेज्जगुणो। णीललेस्सियसासणसम्माइट्ठिअवहारकालो विसेसाहिओ । तेउलेस्सियसंजदासंजदअवहारकालो असंखेज्जगुणो । पम्मलेस्सियसंजदासजदअवहारकालो संखेज्जगुणो ।
योंका अपहारकाल असंयतसम्यग्दृपियोंके अवहारकालसे असंख्यातगुणा है । सासादनसम्यग्दृष्टियोंका अवहारकाल सम्यग्मिथ्यादृष्टियों के अवहारकालसे संख्यातगुणा है। पद्मलेश्यक असंयतसम्यग्दृष्टियोंका अवहारकाल तेजोलेश्यक सासादनसम्यग्दृष्टियोंके अवहारकालसे असंख्यातगुणा है। सम्यग्मिथ्यादृष्टियोंका अवहारकाल असंयतसम्यग्दृष्टियोंके अवहारकालसे असंख्यातगुणा है। सासादनसम्यग्दृष्टियोंका अवहारकाल सम्यग्मिथ्यादृष्टियों के भवहारकालसे संख्यातगुणा है । कापोतलेश्यक असंयतसम्यग्दृष्टियोंका अवहारकाल पनलेश्यक सासादनसम्यग्दृष्टियोंके अवहारकाल से असंख्यातगुणा है। कृष्णलेश्यक असंयतसम्यग्दृष्टियोंका अवहारकाल कापोतलेश्यक असंयतसम्यग्दृष्टियोंके अवहारकालसे असंख्यातगुणा है। नीललेश्यक असंयतसम्यग्दृष्टियोंका अवहारकाल कृष्णलेश्यक असंयतसम्यग्दृष्टि अवहारकालसे विशेष अधिक है। कापोतलेश्यक सम्यग्मिथ्यादृष्टियोंका अवहारकाल नीललेश्यक असंयतसम्यग्दृष्टियोंके अवहारकालसे असंख्यातगुणा है। कापोतलेश्यक सासादनसम्यग्दृष्टियोंका अवहारकाल सम्यग्मिथ्यादृष्टियों के अवहारकालले संख्यागुतणा है। कृष्णलेश्यक सम्यमिथ्यादृष्टियोंका अवहारकाल कापोतलेश्यक सासादनसम्यग्दृष्टियोंके अवहारकालसे असंख्यातगुणा है । नीललेश्यक सम्यग्मिथ्यादृष्टियोंका अवहारकाल कृष्णलेश्यक सम्यग्मिध्यादृष्टियों के अवहारकालसे विशेष अधिक है । कृष्णलेश्यक सासादनसम्यग्दृष्टियोंका अवहारकाल नीललेश्यक सम्यग्मिथ्यादृष्टियोंके अवहारकालसे संख्यातगुणा है। नीललेश्यक सासादन. सम्यग्दृष्टियोंका अवहारकाल कृष्णलेश्यक सासादनसम्यग्दृष्टियोंके अवहारकालसे विशेष अधिक है । तेजोलेश्यक संयतासंयतोंका अवहारकाल नीललेश्यक सासादनसम्यग्दृष्टियोंके मषहारकालसे असंख्यातगुणा है । पद्मलेश्यक संयतासंयतोंका अपहारकाल तेजोलेश्यक संयतासंयतोंके अवहारकालसे संख्यातगुणा है। शुक्ललेश्यक असंयतसम्यग्दृष्टियोंका
प्रतिषु प्रमत्त.' इति पाठः ।।
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