Book Title: Shatkhandagama Pustak 03
Author(s): Pushpadant, Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
Publisher: Jain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
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१, २, १०२.] दव्वपमाणाणुगमे कायमग्गणाअप्पाबहुगपरूवणं [३६७ सुहुमपुढविकाइयपज्जत्ता संखेज्जगुणा । एवं चउत्थो वियप्पो । णवरि पुढविकाइया विसेसाहिया । सव्वत्थोवा बादरपुढविकाइयपज्जत्ता। तेसिमपज्जत्ता । असंखेज्जगुणा । को गुणगारो ? असंखेज्जा लोगा । बादरपुढविकाइया विसेसाहिया। सुहुमपुढविकाइयअपजत्ता असंखेज्जगुणा । को गुणगारो ? असंखेज्जा लोगा। सुहुमपुढविकाइयपज्जत्ता संखेजगुणा । को गुणगारो ? संखेज्जसमया। सुहमपुढविकाइया विसेसाहिया । एवं चेव छट्ठो वियप्पो । णवरि पुढविकाइया विसेसाहिया । सबथोवा बादरपुढविकाइयपज्जत्ता । तेसिमपज्जत्ता असंखेज्जगुणा । को गुणगारो ? असंखेज्जा लोगा । बादरपुढविकाइया विसेसाहिया । केत्तियमेत्तेण ? बादरपुढविकाइयपज्जत्तमेत्तेण । सुहुमपुढविकाइयअपज्जत्ता असंखेज्जगुणा । को गुणगारो ? असंखेजा लोगा । पुढविकाइयअपज्जत्ता विसेसाहिया । केसियमेत्तेण ? बादरपुढविकाइयअपज्जत्तमत्तेण । सुहुमपुढविकाइयपजत्ता सखेज्जगुणा । को गुणगारो ? संखेज्जा समया। पुढविकाइयपज्जत्ता विसेसाहिया । केत्तियमेतेण ? बादरपुढविकाइयपजनमत्तेण । सुहुमपुढविकाइया विसे साहिया । केत्तिय
पृथिवीकायिक पर्याप्त जीव सूक्ष्म पृथिवीकायिक अपर्याप्तोंसे संख्यातगुणे हैं । इसीप्रकार चौथा विकल्प है । इतनी विशेषता है कि पृथिवीकायिक जीव सूक्ष्म पृथिवीकायिक पर्याप्तोंसे विशेष अधिक है। बादर पृथिवीकायिक पर्याप्त जीव सबसे स्तोक हैं । बादर पृथिवीकायिक अपर्याप्त जीव उनसे असंख्यातगुणे हैं। गुणकार क्या है ? असंख्यात लोक गुणकार है । बादर पृथिवीकायिक जीव बादर पृथिवीकायिक अपर्याप्तोंसे विशेष अधिक हैं। सूक्ष्म पृथिवीकायिक अपर्याप्त जीव बादर पृथिवीकायिकोंसे असंख्यातगुणे हैं । गुणकार क्या है ? असंख्यात लोक गुणकार है । सूक्ष्म पृथिवीकायिक पर्याप्त जीव सूक्ष्म पृथिवीकायिक अपर्याप्तोंसे संख्यातगुणे है ।गुणकार क्या है ? संख्यात समय गुणकार है। सूक्ष्म प्रथिवीकायिक जीव सूक्ष्म पृथिवीकायिक पर्याप्तोसे विशेष अधिक हैं । इसीप्रकार छठवां विकल्प है। इतनी विशेषता है कि पृथिवीकाधिक जीव सूक्ष्म पृथिवीकायिकोंसे विशेष अधिक हैं। बादर पृथिवीकायिक पर्याप्त जीव सबसे स्तोक हैं। बादर पृथिवीकायिक अपर्याप्त जीव उनसे असंख्यातगुणे हैं। गुणकार क्या है। असंख्यात लोक गुणकार है। बादर पृथिवीकायिक जीव बादर पृथिवीकायिक अपर्याप्तोंसे विशेष अधिक हैं। कितनेमात्रसे विशेष अधिक है ? बादर पृथिवीकायिक पर्याप्तोंका जितना प्रमाण है तन्मात्र विशेषसे अधिक हैं। सूक्ष्म पृथिवीकायिक अपर्याप्त जीव बादर पृथिवीकायिकोंसे असंख्यातगुणे हैं । गुणकार क्या है ? असंख्यात लोक गुणकार है। पृथिवीकायिक अपर्याप्त जीव सूक्ष्म पृथिवीकायिक अपर्याप्तोंसे विशेष अधिक हैं। कितने प्रमाणसे अधिक हैं ? बादर प्रथिवीकायिक अपर्याप्तोंका जितना प्रमाण है उतने प्रमाणसे अधिक हैं। पृथिवीकायिक पर्याप्त जीव प्रथिवीकायिक अपर्याप्तोंसे संख्यातगुणे हैं। गुणकार क्या है ? संख्यात समय गुणकार है । पृथिवीकायिक पर्याप्त जीव सूक्ष्म पृथिवीकायिक पर्याप्तोंसे विशेष अधिक है। कितने प्रमाणसे अधिक हैं ? बादर पृथिवीकायिक पर्याप्तीका जितना प्रमाण है
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