Book Title: Shatkhandagama Pustak 03
Author(s): Pushpadant, Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
Publisher: Jain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
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१, २, २३.] दव्वपमाणाणुगमे णिरयगदिअप्पाबहुगपरूवणं
[२१३ असंखेज्जगुणं । को गुणगारो ? तदियवग्गमूलं। पंचमपुढविमिच्छाइदिवं असंखेजगुणं । को गुणगारो? च उत्थ-पंचम छट्टवग्गाणि अण्णोण्णगुणिदाणि । अहवा सेढितदियवग्गमूलस्स असंखेज्जदिभागो असंखेजाणि सेढिचउत्थवग्गमूलाणि । को पडिभागो ? छट्ठमवग्गमूलं । चउत्थपुढविमिच्छाइट्ठिदव्बमसंखेज्जगुणं । को गुणगारो ? अण्णो णगुणिदसेढिसत्तम-अट्ठमंवग्गमूलाणि । अहवा छट्टमवग्गमूलस्स असंखेजदिभागो असंखेजाणि सत्तमवग्गमूलाणि । को पडिभागो ? अट्ठमवग्गमूलं । तदियपुढविमिच्छाइट्टिदबमसंखेज्जगुणं । को गुणगारो ? अण्णोण्णगुणिदसेढिणवम-दसमवग्गमूलाणि। अहवा अट्टमवग्गमूलस्स असंखेजदि. भागो असंखेज्जाणि णवमवग्गमूलाणि । को पडिभागो ? दसमवग्गमूलं । विदियपुढवि. मिच्छाइट्टिदव्यमसंखेज्जगुणं । को गुणगारो ? अण्णोण्णब्भत्थेक्कारस-वारसवग्गमूलाणि । अहवा दसमवग्गमूलस्स असंखेजदिभागो असंखेज्जाणि एकारसवग्गमूलाणि । को पडिभागो ? वारसवग्गमूलं । सामण्णणेरइयमिच्छाइहि अवहारकालो असंखेज्जगुणो । को
मिथ्यादृष्टि द्रव्य असंख्यातगुणा है । गुणकार क्या है ? जगश्रेणीका तीसरा वर्गमूल गुणकार है। छठवींके मिथ्यादृष्टि द्रव्यसे पांचवी पृथिवीका मिथ्यादृष्टि द्रव्य असंख्यातगुणा है । गुणकार क्या है ? जगश्रेणीके चौथे, पांचवे और छठवे वर्गमूलोंके परस्पर गुणा करनेसे जो राशि उत्पन्न हो उतना गुणकार है । अथवा, जगश्रेणीके तीसरे वर्गमूलका असंख्यातवां भाग गुणकार है जो जगश्रेणीके असंख्यात चौथे वर्गमूलप्रमाण है। प्रतिभाग क्या है ? जगश्रेणीका छठा वर्गमूल प्रतिभाग है। पांचवीके मिथ्यादृष्टि द्रव्यसे चौथी पृथिवीका मिथ्यादृष्टि द्रव्य असंख्यातगुणा है। गुणकार क्या है ? जगश्रेणीके सातवें और आठवें वर्गमूलोंके परस्पर गुणा करनेसे जो राशि उत्पन्न हो उतना गुणकार है। अथवा, जगश्रेणीके छठवें वर्गमूलका असंख्यातवां भाग गुणकार है जो जगश्रेणीके असंख्यात सप्तम वर्गमूलप्रमाण है। प्रतिभाग क्या है ? जगश्रेणीका आठवां वर्गमूल प्रतिभाग है। दूसरी पृथिवीके मिथ्यादृष्टि द्रव्यसे तीसरी पृथिवीका मिथ्यादृष्टि द्रव्य असंख्यातगुणा है। गुणकार क्या है ? जगश्रेणीके नौवें
और दशवें वर्गमूलोंके परस्पर गुणा करनेसे जो राशि उत्पन्न हो उतना गुणकार है। अथवा, जगश्रेणीके आठवें वर्गमूलका असंख्यातवां भाग गुणकार है जो जगश्रेणीके असंख्यात नौवें वर्गमूल प्रमाण है। प्रतिभाग क्या है ? जगश्रेणीका दशवां वर्गमूल प्रतिभाग है। तीसरीके मिथ्यादृष्टि द्रव्यसे दूसरी पृथिवीका मिथ्यादृष्टि द्रव्य असंख्यातगुणा है। गुणकार क्या है ? जगश्रेणीके ग्यारहवें और बारहवें वर्गमूलोंके परस्पर गुणा करनेसे जो राशि उत्पन्न हो तस्प्रमाण गुणकार है। अथवा, जगश्रेणीके दशवें वर्गमूलका असंख्यातवां भाग गुणकार है जो जगणीके असंख्यात ग्यारहवें वर्गमलप्रमाण है। प्रतिभाग क्या है? जगश्रेणीका बारहवां वर्गमूल प्रतिभाग है। दूसरी पृथिवीके मिथ्याडष्टि द्रव्यसे सामान्य नारकियोंका मिथ्यादृष्टि
१ प्रतिषु अह' इति पाठः ।
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