Book Title: Ramayan
Author(s): Harman Jacobi, Vijay Pandya
Publisher: L D Indology Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 30
________________ હર્મન યાકોબી शैलाम्बुदनिकाशानां लङ्का मलय सानुषु / नर्दतां कपिमुख्यानां आर्ये युथान्यनेकशः // 50 // સી 3 ડી नचिराच्छोष्यसे स्वनम्. ટી 3 अचिराच्छोष्यसि स्वनम् એ 1 સી हरि... श्रोष्यसि निस्वनम् 3 सी. 30 कपीनां नर्दताम् आर्ये श्रोष्यसे नचिराद् गिरः / जी में नीलाम्ब.... सी.30 .....सैन्यानां नचिराच्छ्रोस्यसे ध्वनिम् 1 (સીએ)માં સમાપનના શ્લોકો स तु मर्माणि घोरेण ताडितो मन्मथेषुना / न शर्म लभते रामः सिंहार्दित इव द्विपः // 51 // मे मे स हि मर्मसु घोरेषु रुद मा देवि शोकेन मा भूत् ते मनसो भयम् / . शशीव भर्ना शक्रेण संगमिष्यसि शोभने // 52 // टीपी प्रियं सी पत्या 31 भर्ना नाथवती ह्यसि मे मे मा शुचो देव्यशोकार्हे भी मनसि क्लमः ___सी वशिनी श्रीरिवेन्द्रेण 3. 2. नाम - रामाद् विशिष्टः कोऽन्योस्ति कश्चित् सौमित्रिणा समः / अग्नि-मारुत कल्पौ तौ भ्रातरौ तव संश्रयो // 53 // मे मे जी को (प) विशिष्टास्तु रामेण सौमित्रेर्वापि कः समः संश्रयः / नास्मिश्चित्रं वत्स्यसि देवि देशे रक्षोगणैरध्यषितेऽतिरौद्रे न ते चिरादागमनं प्रियस्य क्षमस्व मत्संगमकालमात्रम् // 54 // मे तत्सङ्ग 3 (સી એ બી)માં સમાપ્તિના શ્લોકો निवृत्तवनवासं च त्वया सार्धमरिन्दम / अभिषिक्तं अयोध्यायां क्षिप्रं द्रक्ष्यसि राघवम् // 28 //

Loading...

Page Navigation
1 ... 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136