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राजधिया। ९ यदि महाराव प्रजापोंका बान्धव संबन्धियोंका
प्रीति सम्पादक होतो महारावल कहलाताहै । १० दश सामन्तों का अधिपति वा दश सहस्त्र
ग्रामों का अधिपति महाराजा होता है। " दश महाराजावों का अधिपति वा लक्ष ग्रामों
का अधिपति महाराजाधिराज कहा जाताहै. १२ दश महाराजाधिराज जिसके मातेत वा दश
लक्ष प्रामाधिपति राजेश्वर महाराजाधिराज है १३ दश राजेश्वर महाराजाधिराज जिसकी आ.
ज्ञा में है वा कोटि प्रामाधिपति साम्राज
कहाता है। १४ दश साम्राज जिसकी आज्ञामें है वह चक्रवर्ति
राजा सब पृथिवि मण्डल का है इनकी ध्व. जावों में उनके निशान प्रकाश है ओर फेर ग्रामों की संख्या भी।
संग्राम के समय संथल पर्वत नदी वा विषम (विकट) स्थानों में युक्ति जानना अवश्य है । रक्षित स्थानों को रोकना याने अपने अधिः
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