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[६२] राजविद्या। दार बना रखे इस तरह का शासन करने वाला राजा निश्चलता को पाता है और उसका राज्य स्थिर होजाता है। वीर क्षत्रियों को भूमि के रक्षक मकरिर करके याने अपने जागीरदार बना के भूमि का विभाग दे और वे वाणि शरीर और मन से प्राण और धन के साथ सब तरह से अपने स्वामी की रक्षा के लिये हमेसा यत्न के साथ कमर बान्धे हुवे तयार रहें और पुरिर की हुई वार्षिक राज्य सेवा और कर देते रहैं ।। इनकी योग्यता प्रति वर्ष में एकवार मालिक से देखी जानी चाहिये ॥ धन का खजाना गुप्त और प्रकाश दो तरह मे हो इसी तरह सेना भी और एसे ही सेना सामग्री ।। गुप्त सेना अखसर सा. मन्तों की हो तथा समुद्र आकाश सेना पर्वत के मस्तक मे वा समुद्र के तटपर दृढ रखे ॥ पृथिवी पर चलने वाली सेना आकाश जल में चलने वाली सेना विषम स्थान में पाताल में प्रति समय अभ्यास पाई हुई और बलवान हर रहे इसी
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