Book Title: Rajvidya
Author(s): Balbramhachari Yogiraj
Publisher: Balbramhachari Yogiraj

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Page 285
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir राजविद्या। [१२२] बान्धव संबधियों सामन्तों की सम्मति राजा लेवे॥ श्रीमत्परम पवित्र सोम पाठ २१ क्षत्रियाणां सभा शान्त्योपदेश तथा - समाप्त्याशीष ॥ क्षत्रियाणां प्रति सम्वत्सर द्वे वारे शुभस्थाने शुद्धों सभास्याताम् तस्यां परमपवित्र राजविद्योपदेश चिन्तनीयं प्रबन्ध सम्बन्धी समाधानंचापि सुवि. चारणम् । प्रतिवर्षचैकवारं पुण्यस्थाने राज्ञां क्षत्रियाणां महासभाऽपि तेषां स्यात् ॥ राजा विशेषकार्येषु सामन्तानां च सभ्यव्यक्तिनां प्रजाजनानांसभाम्यां सम्मतिर्विषाम् ॥ प्रत्येक जात्या सभा स्थापने वा प्रचलित्कुरीति निरसनन सुरीति प्रचालने पूर्वक जाति संस्करणे For Private And Personal Use Only

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