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राजावचा क्षत्रियाधीनत्वेन क्रयते तथैव गणितश्च लेखक कार्याणि वैश्य हस्ते ॥ प्रचर्यात्मक कार्माणि शूद्राधिकारे॥
মাথ श्रीमत्परम पवित्र सोम पाठ ६ राज्य के अग कहे जाते हैं। राज्य शासन करने के आठ अंगो को ध्यान में रखने चाहिये । प्रत्येक अंग का अधिकृत्य ( स्वामी) राज का मंत्री हो और तमाम प्रधान मंत्री के अधिकार में कार्य करते रहैं ॥ १ प्रतिदिने सभ्य (शिक्षिता) बलवान सामन्तों
की सेना अपने वश में हो ॥ और इसी तरह नोकर फोजों की सेना भी । २ धर्म के साथ पेदास का उपाव ३ जमा खरच देखता रहै ४ प्रजावों में तरह तरह की विद्यावों का प्रचार
और धर्म प्रचार
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