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राजविद्या। [५] कुर्वति या निश्चयात्मिा बुद्धि विचार शक्ति नामिका पर पर्दा सोच्च संगतिर्वा सत्संगतिः जगदनुभावुकः दृढास्तिकः स्वार्थ निस्पृहः दूर दर्शीःशुचिःन्यायः सत्यरतः कुलीनः शुभाचाराभियोग सहिताः ईदृशा जनानां संगति सत्संगति प्रोच्यते ।
भाषार्थ ___ काम क्रोद्ध लोभ मोह अहंकारों की अधिक्ता को रोक्ता हुवा और उनको संभाव से अपने वशमें रखता हुवा वा निश्चयात्मिका विचार शक्तियों की उच्च वा सत्सङ्गति जगके कामों से तजरुबेकार पका आस्तिक स्वार्थ रहित दूरदर्शी पवित्र जो न्याय और सत्य में जिनकी रति हो कुलीन हो जिनके चलन अच्छे हो और जिनकी कोइ सीकायत न हो ऐसों की सङ्गति समगति कही जाती है।
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