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राजविद्या।
[३५] भाषार्थ स्थूल शरीर की व्याधियां (बिमारियां) ज्वर कास क्षयादि विकार है इसी तरह काम क्रोध लोभादय सूक्षम शरीर के रोग हैं ।।
अतिशयः कामो वीर्य क्षिणोति ॥ अशक्तंच सन्तानोत्पती॥कामी पुरुषः प्रायाल्प सन्ततिर्भवात वा कन्यानामधिकं सम्भवम् ॥
भाषार्थ अति काम से वीर्य क्षीण होजाता है और सन्तान उत्पति होने से अशक्त होजाता है । कामी पुरुषः प्राय थोड़ी मन्तति वाला होता है वा कन्यावों का जन्म अधिक होता है ।
ऋतु कालो एकस्मिन्संवत्सरे द्वा. दशःअथवा त्रिषु वर्षेषु तथैव श्रेष्ट द्वादशः त्रिणि त्रिणि वसन्ते वर्षा शरादि
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