Book Title: Pragnapana Sutra Part 04
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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क्रम
३८.
३९-४०. वैजसशरीरनामकर्म
ॐ
५५.
५६.
कर्मप्रकृति का नाम आहारकशरीरनामकर्म
४२.
४३.
४४-४८. पंचशरीरबन्धननामकर्म
४९-५३. पंचशरीरसंघातनामकर्म
५४.
५७.
५८.
कार्मणशरीरनामकर्म
औदारिकशरीररांगोपांग
वैक्रियशरीरांगोपांग
आहारकशरीरांगोपांग नामकर्म
वज्रऋषभनाराचसंहनननाम
ऋषभनाराचसंहनन
नाराचसंहननामकर्म
अर्द्धनाराचसंहनन
कीलिकासंहनन
जघन्य स्थिति
अन्तः कोड़ाकोड़ी सागरोपम पल्योपम के असंख्यातवें
भाग कम सागरोपम का
भाग
७
पल्योपम के असंख्यातवें भाग कम
सागरोपम का
पूर्ववत्
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릅
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भाग
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शरीरनामकर्म के समान पल्योपम के असंख्यातवें
भाग कम सागरोपम का है ।
पल्योपम के असंख्यातवें
भाग कम सागरोपम का
पल्योपम के असंख्यातवें
भाग कम सागरोपम का
पल्योपम के असंख्यातवें
भाग कम सागरोपम का
पल्योपम के असंख्यातवें
७
३५
भाग कम सागरोपम का
का
भाग
"भाग
३५
३५
भाग
भाग
भाग
उत्कृष्ट स्थिति अन्तः कोड़ाकोड़ी सागरोपम २० काड़ोकाड़ी सागरोपम
२० कोड़ाकोड़ी सागरोपम
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शरीर नामकर्मवत् १० कोड़ाकोड़ी सागरोपम
१२ कोड़ाकोड़ी सागरोपम
१४ कोड़ाकोड़ी सागरोपम
१६ कोड़ाकोड़ी सागरोपम
१८ कोदाकोड़ी सागरोपम
अबाधाकाल
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२००० वर्ष
२००० वर्ष
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पूर्ववत् १००० वर्ष
१२०० वर्ष
१४०० वर्ष
१६०० वर्ष
१८०० वर्ष
निषेककाल
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उत्कृष्ट स्थिति में २
हजार वर्ष कम
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उत्कृष्ट स्थिति में २
हजार वर्ष कम
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पूर्ववत् उत्कृष्ट स्थिति में १
हजार वर्ष कम
उत्कृष्ट स्थिति में १२००
वर्ष कम
उत्कृष्ट स्थिति में १४००
वर्ष कम
उत्कृष्ट स्थिति में १६००
वर्ष कम
उत्कृष्ट स्थिति में १८००
वर्ष कम
११४