Book Title: Pragnapana Sutra Part 04
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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छत्तीसवां समुद्घात पद - नैरयिक आदि भावों में वर्तते हुए एक-एक जीव के....
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HK4164
समुद्घात और अनंतबार नरक में जाने की अपेक्षा अनंत वेदना समुद्घात होते हैं। नारकी के दण्डक में एक जीव की अपेक्षा पूरे नरक भव में कम से कम संख्याता बार वेदना समुद्घात होती ही है। शेष २३ दण्डकों में पूरे भव में वेदना समुद्घात होती या नहीं भी होती है। ___ एगमेगस्स णं भंते! असुरकुमारस्स असुरकुमारत्ते केवइया वेयणा समुग्घाया अतीता?
गोयमा! अणंता। केवइया पुरेक्खडा?
गोयमा! कस्सइ अत्थि कस्सइ णत्थि, जस्सऽथि जहण्णेणं एक्को वा दो वा तिणि वा उक्कोसेणं संखेजा वा असंखेजा वा अणंता वा, एवं णागकुमारत्ते वि जाव वेमाणियत्ते एवं जहां वेयणा समुग्घाएणं असुरकुमारे णेरइयाइवेमाणिय पज्जवसाणेसु भणिओ तहा णागकुमाराइया अवसेसेसु सट्ठाणेसु परट्ठाणेसु भाणियव्वा जाव वेमाणियस्स वेमाणियत्ते। एवमेए चउव्वीसं चउव्वीसा दंडगा भवंति॥६८९॥
कठिन शब्दार्थ - सट्ठाणेसु - स्व स्थानों में, परट्ठाणेसु - पर स्थानों में।
भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन् ! एक-एक असुरकुमार के असुरकुमारत्व (असुरकुमार पर्याय) में कितने वेदना समुद्घात अतीत हुए हैं ? ___उत्तर - हे गौतम! एक एक असुरकुमार के असुरकुमारत्व में अतीत वेदना समुद्घात अनंत हुए हैं।
प्रश्न - हे भगवन् ! एक-एक असुरकुमार के असुरकुमार पर्याय में कितने अनागत वेदना समुद्घात होते हैं ?
उत्तर - हे गौतम! एक-एक असुरकुमार के असुरकुमारत्व में अनागत वेदना समुद्घात किसी के होते हैं किसी के नहीं होते। जिसके होते हैं उसके जघन्य एक, दो या तीन होते हैं और उत्कृष्ट संख्यात, असंख्यात या अनन्त होते हैं। इसी प्रकार नागकुमारत्व यावत् वैमानिकत्व में अतीत और अनागत वेदना समुद्घात समझने चाहिये। जिस प्रकार असुरकुमार के नैरयिकत्व (नैरयिक पर्याय) से लेकर वैमानिकत्व (वैमानिक पर्याय) पर्यन्त वेदना समुद्घात कहे हैं उसी प्रकार नागकुमार आदि से लेकर शेष सभी स्व स्थानों और पर स्थानों में वेदना समुद्घात यावत् वैमानिक के वैमानिकत्व पर्यंत कहने चाहिये। इसी प्रकार चौबीस दण्डकों में से प्रत्येक के चौबीस दण्डक होते हैं।
विवेचन - प्रस्तुत सूत्र में एक-एक जीव के नैरयिक आदि पर्याय में कितने-कितने अतीत और अनागत वेदना समुद्घात हुए हैं उसकी प्ररूपणा की गयी है।
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