Book Title: Pragnapana Sutra Part 04
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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छत्तीसवां समुद्घात पद - वेदना समुद्घात आदि से समवहत जीवो.......
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व्याप्त ) एवं स्पृष्ट (अंतर्मुहूर्त तक वहाँ रहने रूप स्पर्श) होता है। ये पुद्गल शेष क्षेत्र को स्पर्श नहीं करते। एक समय, दो समय अथवा तीन समय की विग्रहगति से जीव उक्त क्षेत्र को आपूरित एवं स्पृष्ट करता है। ___जघन्य उत्कृष्ट अंतर्मुहूर्त तक वेदना समुद्घात द्वारा जीव पुद्गलों को बाहर निकालता है। आशय यह है कि जो पुद्गल जघन्य उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त तक वेदना उत्पन्न करने में समर्थ हैं उनकी वेदना से दुःखी जीव शरीर में रहे हुए पुद्गलों को बाहर फेंकता है। बाहर फैंके गये पुद्गल आत्मप्रदेशों से अलग हो जाते हैं। यहाँ पर पुद्गलों को निकालने का आशय इस प्रकार हैं - तैजस कार्मण शरीर सहित आत्मप्रदेशों को निकालना एवं वेदना आदि समुद्घात रूप पुद्गलों को भी निकालना समझना चाहिये।
ते णं भंते! पोग्गला णिच्छढा समाणा जाई तत्थ पाणाइं भूयाई जीवाइं सत्ताई अभिहणंति वत्तेति लेसेंति संघाएंति संघटुंति परियाति किलामेंति उद्दति तेहिंतो णं भंते! से जीवे कइकिरिए? . गोयमा! सिय तिकिरिए, सिय चउकिरिए, सिय पंचकिरिए।
ते णं भंते! जीवा ताओ जीवाओ कइ किरिया? गोयमा! सिय तिकिरिया, सिय चउकिरिया, सिय पंचकिरिया। से णं भंते! जीवे ते य जीवा अण्णेसिंजीवाणं परंपराघाएणं कई किरिया? गोयमा! तिकिरिया वि चउकिरिया वि पंचकिरिया वि॥७०२॥
कठिन शब्दार्थ - अभिहणंति - अभिहनन करते हैं - सामने हुए का घात करते हैं, वत्तेति - वर्तयंति-गोल गोल चक्कर खिलाते हैं, लेसेंति - कुछ स्पर्श करते हैं, संघाएंति - परस्पर इकट्ठा करते हैं, संघटुंति - परस्पर मर्दन करते हैं, परियाति - पीड़ा करते हैं, किलामेंति - मूछित करते हैं, उद्दति - उद्विग्न (भयभीत) करते हैं या निष्प्राण करते हैं, परंपराघाएणं - परंपरा से घात करने से।
भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन्! बाहर निकले हुए पुद्गल वहाँ स्थित जिन प्राण, भूत, जीव और सत्त्वों का हनन करते हैं, चक्कर खिलाते हैं, कुछ स्पर्श करते हैं, एकत्रित करते हैं विशेष रूप से एकत्रित करते हैं, परिताप-पीड़ा पहुँचाने हैं, मूछित करते हैं और जीवन से रहित करते हैं, हे भगवन्! इनसे वह जीव कितनी क्रिया वाला होता है?
. उत्तर - हे गौतम! वह कदाचित् तीन क्रिया वाला, कदाचित् चार क्रिया वाला और कदाचित् पांच क्रिया वाला होता है।
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