Book Title: Pragnapana Sutra Part 04
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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प्रज्ञापना सूत्र
बांधने वाले बहुत, एक कर्म बांधने वाला एक १९. सात कर्म बांधने वाले बहुत, छह कर्म बांधने वाले बहुत, एक कर्म बांधने वाले बहुत २०. सात कर्म बांधने वाले, बहुत, आठ कर्म बांधने वाला एक, छह कर्म बांधने वाला एक, एक कर्म बांधने वाला एक २१. सात कर्म बांधने वाले बहुत, आठ कर्म बांधने वाला एक, छह कर्म बांधने वाला एक, एक कर्म बांधने वाले बहुत २२. सात कर्म बांधने वाले बहुत, आठ कर्म बांधने वाला एक, छह कर्म बांधने वाले बहुत एक कर्म बांधने वाला एक २३ सात कर्म बांधने वाले बहुत, आठ कर्म बांधने वाला एक, छह कर्म बांधने वाले बहुत, एक कर्म बांधने वाले बहुत २४. सात कर्म बांधने वाले बहुत, आठ कर्म बांधने वाले बहुत, छह कर्म बांधने वाला एक, एक कर्म बांधने वाला एक २५. सात कर्म बांधने वाले बहुत, आठ कर्म बांधने वाले बहुत, छह कर्म बांधने वाला एक, एक कर्म बांधने वाले बहुत २६. सात कर्म बांधने वाले बहुत, आठ कर्म बांधने वाले बहुत, छह कर्म बांधने वाले बहुत, एक कर्म बांधने वाला एक २७. सात कर्म बांधने वाले बहुत, आठ कर्म बांधने वाले बहुत, छह कर्म बांधने वाले बहुत, एक कर्म बांधने वाले बहुत। ज्ञानावरणीय कर्म की तरह दर्शनावरणीय और अन्तराय कर्म कहना चाहिये।
जीवणं भंते! वेयणिजं कम्मं वेएमाणे कइ कम्मपगडीओ बंधइ? . .
गोयमा! सत्तविहबंधए वा अट्ठविहबंधए वा छव्विहबंधए वा एगविहबंधए वा अबंधए वा, एवं मणूसे वि। अवसेसा णारयाइया सत्तविहबंधगा अट्ठविहबंधगा य, एवं जाव वेमाणिए।
भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन्! जीव वेदनीय कर्म का वेदन करता हुआ कितनी कर्म प्रकृतियों का बन्ध करता है?
उत्तर - हे गौतम! जीव वेदनीय कर्म का वेदन करता हुआ सात कर्मों का, आठ कर्मों का, छह कर्मों का, या एक कर्म का बन्धक होता है अथवा अबंधक होता है। इसी प्रकार मनुष्य के विषय में भी समझ लेना चाहिये। शेष नैरयिक आदि यावत् वैमानिक तक सात कर्मों का या आठ कर्मों का बन्ध करते हैं।
विवेचन - समुच्चय एक जीव वेदनीय कर्म वेदता हुआ सात, आठ, छह अथवा एक कर्म बांधता है अथवा अबन्धक यानी कोई कर्म नहीं बांधता। इसी तरह मनुष्य के विषय में कहना चाहिये। शेष नैरयिक आदि २३ दंडक का प्रत्येक जीव वेदनीय कर्म वेदता हुआ सात या आठ कर्म बांधता है।
जीवा णं भंते! वेयणिजं कम्मं वेएमाणा कइ कम्मपगडीओ बंधंति?
गोयमा! सव्वे वि ताव होजा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य एगविहबंधगा य १, अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य एगविहबंधगा य छव्विहबंधए य २,
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