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विषयानुक्रम
न्याय के प्रतिज्ञा आदि दस अवयवों का नामोल्लेख ।
१२३ / १-११. प्रतिज्ञा आदि दस अवयवों की व्याख्या | प्रथम अध्ययन की नियुक्ति का उपसंहार ।
१२४.
१२५.
१२६.
१२३.
दूसरा अध्ययन
१२७.
१२८.
१३६.
१३७.
१२९-३१.
श्रमण का स्वरूप ।
१३२,१३३. श्रमण को सर्प, गिरि आदि की विविध
उपमाएं ।
१३४,१३५. श्रमण शब्द के एकार्थक
१३९.
१४०.
१४१.
१४२.
१४३-४५.
१४६.
१४७.
१४८.
१४९.
१५०.
१५१.
नय का स्वरूप ।
नयों की बहुविध वक्तव्यता ।
१५३.
१५४.
१५५.
श्रामण्य और पूर्वक शब्द के निक्षेप ।
द्रव्य और भाव श्रमण का स्वरूप ।
१५६.
१५७.
पूर्व शब्द के चौदह निक्षेप ।
काम शब्द के निक्षेप ।
द्रव्य काम का स्वरूप एवं भाव काम के
भेद ।
इच्छाकाम और मदनकाम का स्वरूप | धर्म से विच्युति का हेतु कामभाव । काम की प्रार्थना रोग को निमंत्रण | पद शब्द के निक्षेप ।
पद के भेद-प्रभेदों का उल्लेख । ग्रथित पद के चार भेद ।
गद्य काव्य का स्वरूप । पद्म के भेदों का उल्लेख
गेय के भेद-प्रभेद |
१५१/१.
१५२.
तीसरा अध्ययन
चूर्णपद का स्वरूप ।
इंद्रिय विषय आदि अपराध पदों का
उल्लेख |
अठारह हजार शीलांगों का निर्देश ।
अठारह हजार शीलांगों की निष्पत्ति ।
महद और क्षुल्लक शब्द के निक्षेप । आचार शब्द के निक्षेप ।
द्रव्याचार का स्वरूप ।
भावाचार के भेदों का कथन । दर्शनाचार के आठ भेदों का उल्लेख |
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१५७/१.
१५८.
१५९.
१६०.
१६१.
१६२.
१६३.
१६३।१.
१६४.
१६५.
१६६.
१६७.
१६८.
१६९-७१.
१७२.
१७३.
१७४.
१७५.
१७६.
१७९.
१८०.
१८१.
१८२.
१८३.
१८४.
१८५-८७.
निवेदनी कथा का स्वरूप ।
निर्वेदनी कथा का रस ।
संवेजनी और निर्वेदनी कथा की फलश्रुति ।
१७७,१७८. शिष्यों को कथा कहने का क्रम और उसका
१८८.
५
तीर्थ के प्रभावक कौन ?
ज्ञानाचार के आठ भेदों का उल्लेख । चारित्राचार के आठ भेदों का उल्लेख । तप आचार के बारह भेदों का उल्लेख | वीर्याचार का स्वरूप |
कथा के भेदों का उल्लेख ।
अर्थकथा का स्वरूप |
अर्थकथा से सम्बन्धित कथा का
निर्देश |
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कामकथा का स्वरूप ।
धर्मकथा के आक्षेपणी आदि चार भेद ।
आक्षेपणी कथा के भेद |
आक्षेपणी कथा का स्वरूप ।
विक्षेपणी कथा के भेद और स्वरूप |
संवेजनी कथा के प्रकार ।
संवेजनी कथा का स्वरूप ।
फल ।
मिश्रकथा का स्वरूप ।
विकथा के प्रकार ।
प्ररूपक के आधार पर कथा का अकथा
और विकथा होना ।
अकथा का स्वरूप ।
चौथा अध्ययन
१८९.
१९०.
कथा का स्वरूप ।
विकथा का स्वरूप ।
श्रमण के लिए अकथनीय और कथनीय कथा का स्वरूप ।
क्षेत्र, काल, पुरुष और सामर्थ्य के आधार पर कथा कहने का निर्देश ।
चतुर्थ अध्ययन के अधिकारों का उल्लेख । छह, जीव और निकाय - इन शब्दों के निक्षेप कथन की प्रतिज्ञा ।
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