Book Title: Niryukti Panchak Part 3
Author(s): Bhadrabahuswami, Kusumpragya Shramani
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 843
________________ ७१२ नियुक्तिपंचक दशनि.७२ उनि.४४४ सिवदत्त (शिवदत्त वणिक्) उनि.३४४ सुंदसण (सुदर्शन) उनि.१११, ३३३, ३५१ संस्थान आयय (आयत) उनि.३८, ४०, ४१ चउरंस (चतुरस्र) उनि.३८, ४० तंस (त्र्यस्र) उनि.३८, ३९ परिमंडल (परिमण्डल) उनि.३८ परिमंडलग (परिमण्डल) उनि.४१ वट्ट (वृत्त) उनि.३८ साध्वी अणोज्जा (अनवद्या) उनि.१७२/२ पंडरज्जा (पाण्डुरा) दनि.११०, १०४ भद्दा (भद्रा) उनि.९३ मिगावई (मृगावती) रायमती (राजीमती) सार्थवाह उदधि (उदधि) पालिग (पालिक) पालिय (पालिक) समुद्दपाल (समुद्रपाल) हेतु जावग (यापक) थावग (स्थापक) लूसग (लूषक) वंसग (व्यंसक) उनि.४२९ उनि. ४२५ उनि.४२९ उनि.४२८ दशनि.८३, ८४ दशनि.८३, ८४ दशनि.८३, ८५ दशनि.८३, ८५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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