Book Title: Niryukti Panchak Part 3
Author(s): Bhadrabahuswami, Kusumpragya Shramani
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 855
________________ ७२४ नियुक्ति पंचक ग्रन्थ नाम | लेखक, संपा., व्या., अनु.| संस्करण | प्रकाशक समवायांग टीका अभयदेवसूरि प्रसं. १९३८ | कांतिलाल चुन्नीलाल, अहमदाबाद सागर जैन विद्या भारती, भाग २ प्रो. सागरमल जैन प्रसं. १९९४ | पार्श्वनाथ शोधपीठ, वाराणसी सामाचारी शतक समयसुन्दरगणी विसं. १९९६ | जिनदत्तसूरि ज्ञान भण्डार, सूरत साहित्य दर्पण विश्वनाथ पंसं. १९७९ / चौखम्बा विद्या भवन, वाराणसी व्या. डॉ. सत्यव्रतसिंह सूत्रकृतांग चूर्णि (प्रथम श्रुतस्कंध) | संपा. मुनि पुण्यविजय प्रसं. १९७५ | प्राकृत ग्रन्थ परिषद्, अहमदाबाद-९ सूत्रकृतांग चूर्णि (द्वितीय श्रुतस्कंध) प्रसं. १९४१ ऋषभदेव केशरीमल श्वे. संस्था, रतलाम सूत्रकृतांग टीका आ. शलांक प्रसं. १९७८ | मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली संपा मुनि जम्बूविजय सूत्रकृतांगनियुक्ति (नियुक्तिपंचक)| वा. प्र. गणाधिपति तुलसी | प्रसं. १९९९ | जैन विश्व भारती संस्थान, लाडनूं प्रसंपा. आचार्य महाप्रज्ञ समणी कुसुमप्रज्ञा सूयगड़ो - १ वा. प्र. आचार्य तुलसी | प्रसं. १९८४ | जैन विश्व भारती, लाडनूं संपा युवाचार्य महाप्रज्ञ सूयगड़ो - २ वा. प्र. आचार्य तुलसी प्रसं. १९८६ | जैन विश्व भारती, लाडनूं संपा. युवाचार्य महाप्रज्ञ स्थानांग टीका आचार्य अभयदेव प्रसं. १९३७ | सेठ माणकलाल चुन्नीलाल, अहमदाबाद हरिवंश पुराण आचार्य जिनसेन प्रसं. १९६२ भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, संपा. पन्नालाल जैन दिल्ली हरिवंश पुराण: राममूर्ति चौधरी प्रसं. १९८९ सुलभ प्रकाशन १६, अशोक मार्ग एक सांस्कृतिक अध्ययन A History of the Hiralal Rasikadas Hiralal Rasikadas Canonical literature of Kapadia Kapadia jain's Uttaradhyayana sutra Jarl charpentier Fir. Ad.1980 Ajaya Book Service, Delhi History of Indian literature Maurice winternitz Vol || Sec. Ad.1993 | Motilal Banarasidas, Delhi Fo. Ad. 1980 Motilal Banarasi das, Delhi Sacred Books of the East. Hermann Jacobi Vol 1 xxii Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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