Book Title: Niryukti Panchak Part 3
Author(s): Bhadrabahuswami, Kusumpragya Shramani
Publisher: Jain Vishva Bharati
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परिशिष्ट १३ : वर्गीकृत विशेष नामानुक्रम
६९९
दनि.५
वणिय (वणिज) उनि.१९०, सूनि.११
६,८,९,१०, ३०, ३२, २१७, ३०७, विट्ठि (विष्टि) उनि.१९०, सूनि.११
३११,३६६, सूनि.२२, दनि.२७, ४७ सउणि (शकुनि) उनि.१९१, सूनि.१२ आयारग्ग (आचाराग्र) आनि.१२, ३२, ३०७ क्षेत्र
आयप्पवायपुव्व (आत्मप्रवादपूर्व) दशनि.१५ देवकुरु (देवकुरु) आनि.१, सूनि.१५३, १८२ आयारपकप्प (आचारप्रकल्प) दनि.२७, आनि . खाद्य पदार्थ
३११,३१७ ओदण (ओदण)
दशनि. २१८
इसिभासित (ऋषिभाषित) सूनि.१९० खीर (खीर) उनि.२९३, दनि.९९
उत्तरज्झयण (उत्तराध्ययन) उनि.४, २७, ५५२ गुड (गुड़) दशनि.२१८ कप्प (कल्प)
दनि.१ तिलसकुलिया (तिलपपड़ी) | आनि.१३२
___ कम्मप्पवायपुव्व (कर्मप्रवादपूर्व) दशनि.१५,
कम्मणवायपुष्प (कमात्र दुद्ध (दूध) सूनि.३५
उनि.७० पायस (खीर)
दनि.९९,१०० छट्ठपुव्व (सत्यप्रवादपूर्व) दनि.१८ पिउड (कूरपिंड) उनि.१७२/३ ठाण (स्थानांग)
दनि.४७ महु (मधु)
उनि.१२७ णाया (ज्ञाताधर्मकथा) मोयग (लड्ड)
दशनि.८५ दसकालिय (दशवैकालिक) दशनि.७, ११, १३, लोण (नमक) दशनि.३६
१४, २४, ३०७ सप्पि (घी)
उनि.१२७ दसकालियनिज्जुति गणधर
(दशवैकालिकनियुक्ति) दशनि.१ इंदभूति (इन्द्रभूति)
सूनि.२०५ दसवेयालिय (दशवैकालिक) दशनि.६ गोतम (गौतम) उनि.२८४, २८७, २९२, दसासु (दशाश्रुतस्कन्ध)
दनि.१ २९४, २९५, २९८, दिट्ठिवाय (दृष्टिवाद)
दशनि.१६७ ४४५, ४४७, ४४८, निसीह (निशीथ)
आनि.३६६ सूनि.९०, २०६, दनि.१११ पच्चक्खाण (प्रत्याख्यानपूर्व) आनि.३११ गोयमस्सामी (गौतमस्वामी) दशनि.७४ ।। पण्णत्ति (व्याख्याप्रज्ञप्ति) दशनि.१६७ सुधम्मा (सुधर्मा) सूनि.८५ बंभच्चेर (आचारांग)
आनि.१२ गोत्र, जाति एवं वंश
ववहार (व्यवहार) दशनि.१६७, दनि.१, ४७ इक्कड (चोर की जाति) उनि.२५१ वेद (आचारांग)
आनि.११ कासव (काश्यप)
उनि.४६० सच्चप्पवायपुव्व (सत्यप्रवादपूर्व) दशनि.१६ दसारवग्ग (दशाहवर्ग) दशनि.५२ सामाइय (सामायिक)
दशनि.११ पाईण (प्राचीन) दनि.१ सुत्तकड (सूत्रकृत)
सूनि.२ मुरिय (मौर्य)
उनि.१७२/४ सूतगड (सूत्रकृत)
सूनि.२ ग्रन्थ
सूयगड (सूत्रकृत) सूनि १, २, १८, २०, १०२ अणुप्पवाय (अनुप्रवाद) उनि.१७२/५
चक्रवर्ती आयार (आचारांग) दशनि.१६७, आनि.१, बंभदत्त (ब्रह्मदत्त)उनि.३२७, ३३०, ३५२, ३४५
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