Book Title: Niryukti Panchak Part 3
Author(s): Bhadrabahuswami, Kusumpragya Shramani
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 821
________________ ६९० नियुक्तिपंचक पलियंक (उपकरण) दशनि २४४ पवाल (मणि) आनि ७४, सूनि १५१ पसेणई (राजा) उनि २४६ पाईण (गोत्र) दनि १ पाओवगमण (मरण) उनि २०६ पाडल (पुष्प) उनि १२५ पाडलिपुत्त (नगरी) उनि १०१ पाण (चांडाल जाति) उनि ३१६ पाद (अवयव) उनि १८२/२, सूनि ७६ पायवगमण (मरण) उनि २२८ आनि २७४,२८३, २८४, २९१ पायस (खाद्य पदार्थ) दनि ९९, १०० पारासर (कृषक) उनि ११५ पालक्क (पुरोहित) उनि ११३ पालिग (सार्थवाह) उनि ४२५ पालिय (सार्थवाह) उनि ४२९ पास (अवयव) सूनि ७६ पास (तीर्थंकर) आनि ३५४ पासावच्चिज (सम्प्रदाय) सूनि २०६ पिउड (खाद्य पदार्थ) उनि १७२/३ पिंगल (संन्यासी) दशनि ७९ पिंगला (रानी) उनि ३३३ पिंडेसणा (अध्ययन) दशनि २१९ पिट्टिचंपा (नगरी) उनि २७७ पिट्ठी (अवयव) उनि १८२/१ पिहुंड (नगर) उनि ४२६, ४२७ पुंडरीय (भवन) उनि ४३२ पुक्खर (तीर्थ) उनि ९६, दनि ९७ पुण्णभद्द (चैत्य) उनि २७९ पुष्फचूल (राजा) उनि ३२८ पुप्फुत्तर (विमान) उनि २६६/१ पुत्थी (रानी) उनि ३३३ पुरंदरजसा (रानी) उनि ११२, ११३ पुव्वदक्खिणा (दिशा) आनि ५६ पुव्वदिसा (दिशा) आनि ४७, ५६ पुवुत्तरदिसा (दिशा) आनि ५६ पुसमित्त (आचार्य) उनि १७२/१० पोंडरीय (राजकुमार) उनि २८६, २८८ पोंडरीय (दृष्टान्त) दशनि ६३ पोंडरीय (पुष्प) सूनि १४५ पोट्टसाल (परिव्राजक) उनि १७२/७ पोत (राजा) उनि ३३३ पोयाई (विद्या) उनि १७२/८ पोलास (उद्यान) उनि १७२/४ फग्गुरक्खिय (मुनि) उनि ९७ फलिह (मणि) आनि ७५ फिग्ग (अवयव) सूनि ७७ फिप्फिस (अवयव) सूनि ७१ फुप्फुस (अवयव) सूनि ७१ बइल्ल (तिर्यञ्च) उनि ४८३, दनि ९३, ९४ बंभ (राजा) उनि ३२८ बंभच्चेर (ग्रंथ) आनि १२ बंभथलय (नगरी) उनि ३४० उनि ३२७, ३३०, ३५२, ३४५ बंभवती (परिव्राजक) सूनि १९१ बंभी (दार्शनिक) सूनि १९९ बग (तिर्यञ्च) दशनि २७४/१ बलकोट्ट (चाण्डाल-अधिपति) उनि ३१८ बलदेव (मुनि) उनि ११५ बलभद्द (राजा) उनि १७२/४ बलभद्द (चोर) उनि २५१ बलभद्द (मुनि) उनि ४०३ बलसिरी (राजा) उनि १७२/७ बलसिरी (राजकुमार) उनि ४०२, ४०४ बव (करण) उनि १९०, सूनि ११ बसंतपुर (नगर) सूनि १९२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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