Book Title: Niryukti Panchak Part 3
Author(s): Bhadrabahuswami, Kusumpragya Shramani
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 822
________________ परिशिष्ट १२ : विशेष नामानुक्रम ६९१ बहुरय (निह्नववाद)उनि. १६७, १६८, १७२/१ भेरुंड (तिर्यञ्च) उनि.३१९ बालपंडित (मरण) उनि. २१६ __ भोयडपुर (नगर) उनि.९० बालमरण (मरण) उनि. २०५, २१६ मंगु (आचार्य) दनि. १०४, ११२ बालव (करण) उनि. १९०, सूनि. ११ मंडलग्ग (शस्त्र) सूनि.५१ बालुगा (पृथ्वीकाय) आनि.७३ मंडलिया (वायु) आनि.१६६ बालुय (पृथ्वीकाय) आनि.७४ मंडुक्क (तिर्यञ्च) उनि.४६२, ४६४ बाहिर (चाण्डाल) उनि.३१६ मंडुक्किया (तिर्यञ्च) दशनि.५२ बाहा (अवयव) सूनि.१६२, उनि. १८२/१ मंदर (पर्वत) दशनि.३३५, उनि. २६३, बाहु (अवयव) सूनि.७३, ७७ आनि. ४९, ३५३ बिराली (विद्या) उनि.१७२/९ मंसु (अवयव) उनि.१८२/२ बिल्ल (वनस्पति) उनि.१४० मगहापुर (नगर) उनि.२७७ बुक्कस (वर्णान्तर) आनि.२६ मच्छ (तिर्यञ्च) दशनि.५१ बोडियलिंग (मत) उनि. १७२/१५ मज्जार (तिर्यञ्च) दशनि.२७४/१ बोडियसिवभूति (आचार्य) उनि. १७२/१४,१५ मणग (मुनि) दशनि.१४,१७, ३४८ भत्तपरिण्णा (मरण) उनि.२०६, २१९ मणगपियर (आचार्य) दशनि. १३ आनि.२६३, २७३, २८१ मणिणाय (देव) उनि, १७२/६ भद्द (राजकुमार) उनि.११७ मणोरह (उद्यान) सूनि. २०५ भद्दगुत्त (आचार्य) उनि. ९८ मणोसिला (पृथ्वीकाय) आनि.७४ भद्ददारु (वृक्ष) उनि. १४७ मतंग (नदी) उनि. ३१७ भद्दबाहु (आचार्य) दनि. १,उनि.९२ मयंग (चाण्डाल जाति) उनि. ३१६ भद्दा (साध्वी) उनि.९३ मधुकरी (तिर्यञ्च) दशनि.११४ भद्दा (रानी) उनि. ३३१ मय (तिर्यञ्च) दशनि. ९५ भमर (तिर्यञ्च) दशनि.९२, ९६, ९७, मयास (चाण्डाल जाति) उनि. ३१६ ११४, ११५, ११७, ११९, मयूर (तिर्यञ्च) दशनि.३३५ १२०/२, १३३ मरगय (मणि) आनि.७५ भरहपिउ (तीर्थंकर) उनि. २८१ मरुग (श्रमण) दशनि. ३०७/१ भाणिय (वनस्पति) आनि. १४१ मरुय (किसान) दनि.१०४, १०५ भावणा (चूला) आनि. ३१०, ३१७ मलयवती (रानी) उनि.३३४ भासज्जाय (अध्ययन) आनि.३०९ मल्लिया (पुष्प) उनि. १४६ भिकुंडि (राजा) उनि.३४३ मसग (तिर्यञ्च) उनि.९४, ४८७ भिक्खुपडिमा (प्रतिमा) दनि.४५ मसारगल्ल (मणि) आनि.७५ भिगु (पुरोहित) उनि.३५९, ३६६ मसूर (धान्य) दशनि. २३० भुयगुह (चैत्य) उनि.१७२/७ महपंचभूत (दर्शन) सूनि. २९ भुयमोयग (मणि) आनि.७५ महाकाल (परमाधार्मिक देव) सूनि.६६, ७५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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